UP Headline https://upheadline.live Tue, 17 Dec 2024 02:42:37 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8 RBI ने बंद किए 5 रुपए के सिक्के, जानें क्यों लिया गया ये बड़ा फैसला https://upheadline.live/2024/12/17/rbi-banned-5-rupee-coins-know-why-this-big-decision-was-taken/ https://upheadline.live/2024/12/17/rbi-banned-5-rupee-coins-know-why-this-big-decision-was-taken/#respond Tue, 17 Dec 2024 02:42:37 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2136 नई दिल्ली: नए साल से पहले RBI ने बड़ा फैसला लिया है. देश में चल रहे नए सिक्के और नोट छापने का अधिकार RBI के पास है. जब RBI केंद्र सरकार के सामने नोट और सिक्के छापने का प्रस्ताव रखता है तो यह प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होती है. इसके बाद केंद्र सरकार RBI के वरिष्ठ अधिकारियों और अर्थशास्त्रियों की मदद से फैसला लेती है और सिक्के और नोट छापने का अधिकार RBI को दे दिया जाता है. जब किसी नोट और सिक्के को बंद करना होता है तो भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जाती है.

देश में अब तक कई बार ऐसा देखने को मिला है, जब सिक्के और नोट बंद किए गए. 2016 में 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए गए थे. पिछले साल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2000 के नोट भी बंद कर दिए थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसी तरह 5 रुपये के सिक्के को लेकर भी बैंक ने बड़ा फैसला लिया है.

क्या बंद हो चुके 5 रुपये के सिक्के

भारत की करेंसी में नोटों के साथ-साथ सिक्कों का भी हमेशा से इस्तेमाल होता रहा है. 100, 200 और 500 के नोटों के साथ-साथ 5, 10 और 20 के सिक्के अभी भी प्रचलन में हैं. हालांकि पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि बाजार से पांच के सिक्के गायब हो रहे हैं. हम सभी ने पांच के सिक्के का इस्तेमाल किया है और देखा होगा कि यह दूसरे सिक्कों की तुलना में मोटा हुआ करता था. हालांकि, अब ये सिक्के धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं और इनकी जगह 5 रुपये के पतले सुनहरे सिक्के ने ले ली है.

अगर 5 रुपये का सिक्का 9 ग्राम से अधिक हो तो RBI उसको छापना कम या बंद कर देता है.

बाजार में अब वही पुराने सिक्के दिखाई दे रहे हैं जो घूमते रहते हैं. इसके अलावा हर जगह सुनहरे पतले सिक्के दिखाई दे रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों हुआ है और RBI ने पुराने सिक्कों को बंद क्यों कर दिया है? अगर नहीं, तो आइए आपको बताते हैं कि इसके पीछे क्या वजह है.

RBI ने पुराने सिक्कों को बंद क्यों कर दिया है?

मोटे पांच रुपये के सिक्कों को बंद करने के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि इनके निर्माण में इस्तेमाल होने वाली मेटल को पिघलाकर चार से पांच ब्लेड बनाए जा सकते हैं, जिनकी कीमत 5 रुपये से अधिक होती है. इस आर्थिक कारक के कारण सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने इन पांच रुपये के सिक्कों को बंद कर दिया.

एक नियम के अनुसार, अगर करेंसी की लागत उसके अंकित मूल्य से अधिक हो जाती है, तो उन सिक्कों या नोटों को प्रचलन से हटा दिया जाता है. उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति 5 रुपये के सिक्के को पिघलाकर 5 ब्लेड बनाता है, और बाद में उन्हें 2 रुपये प्रति ब्लेड (कुल 10 रुपये कमाता है) में बेचता है, तो सिक्के में धातु का आंतरिक मूल्य उसके मौद्रिक मूल्य से अधिक हो जाता है. यह इस कारण से है, अन्य कारणों के अलावा, कि RBI ने कुछ खास सिक्कों, जैसे कि मोटे पांच रुपये के सिक्के के उत्पादन को रोकने का फैसला किया.

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प्राविधिक शिक्षा विभाग में घोटाले का आरोप लगाकर धरने पर बैठीं थी पल्लवी पटेल, योगी के मंत्री आए फिर… https://upheadline.live/2024/12/17/pallavi-patel-was-sitting-on-strike-alleging-scam-in-technical-education-department-yogis-minister-came-again/ https://upheadline.live/2024/12/17/pallavi-patel-was-sitting-on-strike-alleging-scam-in-technical-education-department-yogis-minister-came-again/#respond Tue, 17 Dec 2024 02:21:49 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2133 लखनऊ : विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को सिराथू से सपा की बागी विधायक पल्लवी पटेल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की. उन्होंने योगी सरकार के मंत्री आशीष पटेल पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर कार्रवाई की मांग की. इसके बाद नियम के अनुसार सवाल न पूछने देने पर वह सदन से बाहर आकर धरने पर बैठ गईं. वह करीब 9 घंटे तक धरने पर बैठी रहीं. रात 10.30 बजे संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने उन्हें मनाया.

विधायक पल्लवी पटेल वे कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार पिछड़ों के वोट से बनी है. अब उन पिछड़ों का ही हक छीना जा रहा है. अपना दल एस कमेरावादी नेता पल्लवी पटेल ने प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक पदों पर नियुक्ति में धांधली का आरोप लगाया. कहा कि वर्तमान सेवा नियमावली को ताक पर रखा गया. पुरानी नियमावली के आधार पर सीधी भर्ती न कर पदोन्नति से 250 नियुक्तियां कर दी गईं. इसके जरिए पिछड़े वर्ग का मारा गया.

इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने के साथ ही पल्लवी पटेल योगी सरकार के मंत्री आशीष पटेल के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग भी कर रहीं हैं. उनका आरोप है कि वह सदन में नियम के अनुसार अपनी बात रख रहीं थीं. इस दौरान उनका माइक ही बंद कर दिया गया. इसके बाद वह बाहर आकर परिसर में ही धरने पर बैठ गईं. पुलिस भी मौके पर पहुंच गईं. तमाम नेता भी पहुंचे. उन्हें मनाने के प्रयास किए गए लेकिन वह नहीं मानी.

रात में कड़ाके की ठंड के बावजूद वह डटी रहीं. रात करीब 10.30 बजे सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना मौके पर पहुंचे. उन्होंने विधायक से बात की. इसके बाद पल्लवी पटेल धरने से उठने के लिए राजी हुईं. इसके बाद वह परिसर से निकलकर चली गईं. विधायक आज सदन में अपनी बात रख सकती हैं.

पल्लवी पटेल पिछले कई वर्षों से अपने पिता की मौत की भी सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहीं हैं. इसके लिए वह साल 2022 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिख चुकी हैं. 23 अगस्त 2022 को अयोध्या में सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन भी दिया था.

डॉक्टर सोनेलाल पटेल ने नवंबर 1995 में अपना दल की स्थापना की. साल 2009 में कानपुर के नवाबगंज इलाके के कंपनीबाग चौराहे के पास बेकाबू कार ने उनके वाहन में टक्कर मार दी थी. हादसे में उनकी मौत हो गई थी. सोनेलाल की बड़ी बेटी पल्लवी पटेल सिराथू से विधायक हैं. उनकी छोटी बेटी अनुप्रिया पटेल अपना दल सोनेलाल की अध्यक्ष हैं. वह मोदी सरकार में मंत्री भी हैं.

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सम्भल के बाद अब वाराणसी में पौराणिक मंदिर मिलने का दावा, स्कंद पुराण में भी जिक्र https://upheadline.live/2024/12/17/after-sambhal-now-there-is-a-claim-of-finding-a-mythological-temple-in-varanasi/ https://upheadline.live/2024/12/17/after-sambhal-now-there-is-a-claim-of-finding-a-mythological-temple-in-varanasi/#respond Tue, 17 Dec 2024 02:12:09 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2130 उत्तर प्रदेश के संभल में 46 साल से बंद शिव मंदिर का मामला अभी चर्चा में ही है कि अब वाराणसी से भी ऐसा ही एक मिलता-जुलता मामला सामने आया है. दावा किया जा रहा है कि यहां मुस्लिम बहुल इलाके में 10 साल से एक शिव मंदिर बंद पड़ा है. इस मंदिर को खुलवाने को लेकर पुलिस प्रशासन को एक पत्र दिया गया है, जिसके बाद इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

वाराणसी के जिस मुस्लिम बहुल इलाके मदनपुरा में मंदिर होने की बात कही जा रही है, वह दशाश्वमेध थाना क्षेत्र में आता है. सोशल मीडिया पर बंद पड़े ‘मंदिर’ की तस्वीर वायरल होने के बाद सनातन रक्षक दल की तरफ से पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया गया है. इस पत्र में मंदिर को फिर से खुलवाने की मांग की गई है.

पत्र लिखकर मंदिर खुलवाने की मांग

बताया जा रहा है कि मंदिर मदनपुरा के मकान नंबर D-31 के चबूतरे के पास स्थित है. इस मंदिर पर पिछले एक दशक से ताला लटक रहा है. इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल हुई थीं. जिसके बाद सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने पुलिस को एक पत्र लिखकर मंदिर का ताला खुलवाने की मांग की है.

मंदिर के अंदर मिट्टी भरी होने का दावा

मंदिर को लेकर पत्र मिलने के बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची थी, जिसने जांच-पड़ताल के बाद पुलिस बल को तैनात कर दिया है. दावा किया जा रहा है कि यह मंदिर लगभग ढाई सौ साल पुराना है, लेकिन पिछले एक दशक से मंदिर पर ताला लगा होने के कारण वह बंद है. बताया जा रहा है कि मंदिर के अंदर मिट्टी भरी हुई है.

मालिकाना हक पता करने की कोशिश शुरू

दावा यह भी किया जा रहा है कि इस मंदिर का जिक्र काशी खंड में है. मंदिर पुष्पदंतेश्वर से दक्षिण परम सिद्धिप्रद सिद्धिश्वर का है, जिसके पास ही सिद्धतीर्थ कूप भी है. हालांकि पुलिस की अब तक की जांच में यह पता नहीं चल सका है कि मंदिर का मालिकाना हक किसके पास है और मंदिर पर ताला किसने लगाया? इस बात की भी पड़ताल की जा रही है कि ये ताला कब लगाया गया है.

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बहराइच में किशोर के हत्या की खौफनाक कहानी 17 टुकड़ों में शव बरामद, जानकार आपके रूह कांप जाएंगे https://upheadline.live/2024/12/17/the-horrifying-story-of-murder-of-teenager-in-bahraich-body-recovered-in-17-pieces/ https://upheadline.live/2024/12/17/the-horrifying-story-of-murder-of-teenager-in-bahraich-body-recovered-in-17-pieces/#respond Tue, 17 Dec 2024 02:02:23 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2127 उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक खौफनाक घटना सामने आई है. रिसिया थाना क्षेत्र के गायत्रीपुरम निवासी 15 वर्षीय नाबालिग लड़के विक्रम की ट्रैक्टर मालिक ने अपने सहयोगी के साथ मिलकर हत्या कर दी. हत्या का तरीका इतना खतरनाक था कि सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो गए. दरअसल, 9 दिसंबर को विक्रम के पिता ने अपने बेटे के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी.

शिकायत के अनुसार, विक्रम अपने मालिक संजय वर्मा के ट्रैक्टर पर ड्राइवर का काम करता था. घटना वाले दिन विक्रम खेत जुताई के लिए गया था, लेकिन वापस नहीं लौटा. पुलिस ने जांच शुरू की और पाया कि ट्रैक्टर मालिक संजय वर्मा ने अपने सहयोगी लवकुश पाल के साथ मिलकर विक्रम की हत्या कर दी.

दिल दहला देगा हत्या का खौफनाक तरीका

पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बताया कि खेत में काम करते समय विक्रम ट्रैक्टर से चोटिल हो गया था. इसके बाद संजय वर्मा और लवकुश पाल ने विक्रम को अस्पताल ले जाने के बजाय ट्रैक्टर से बार-बार कुचल कर उसकी पहचान मिटाने की कोशिश की. शव के टुकड़ों को खेत में दबा दिया गया और जूते व कपड़े तालाब में फेंक दिए.

पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने यह भी बताया कि विक्रम को ट्रैक्टर से कुचलते वक्त जो कपड़े और शरीर के अंग उसमें फंस गए थे, उन्हें आरोपियों ने चार किलोमीटर दूर ले जाकर दूसरे खेत में साफ कर दिया.

पुलिस ने की कार्रवाई

जांच के दौरान पुलिस को संजय वर्मा के बयान संदिग्ध लगे. सख्ती से पूछताछ करने पर उसने पूरी घटना कबूल कर ली. पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर शव के 17 टुकड़े और अन्य सबूत बरामद किए. शव के अंगों को डीएनए जांच के लिए भेजा गया.

पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने कहा, “हम इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाएंगे और आरोपियों को कड़ी सजा दिलवाने की हरसंभव कोशिश करेंगे. घटना के खुलासे में सीओ हर्षिता तिवारी, थानाध्यक्ष राजनाथ सिंह और अन्य पुलिस टीमों ने अहम भूमिका निभाई.”

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मौत को गले लगाने से पहले अतुल को करने थे 32 काम, बनाई थी चेकलिस्ट https://upheadline.live/2024/12/17/before-embracing-death-atul-had-to-do-32-tasks-he-had-made-a-checklist/ https://upheadline.live/2024/12/17/before-embracing-death-atul-had-to-do-32-tasks-he-had-made-a-checklist/#respond Tue, 17 Dec 2024 01:51:55 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2124 एक घंटा, 21 मिनट और 46 सेकेंड का वीडियो बनाने वाला और तीस पन्नों का सुसाइड नोट लिखने वाला अतुल सुभाष अपनी मौत के पहले के आखिरी दो दिनों की पूरी कहानी भी लिख गया. अतुल के कमरे की दिवार पर दो कागज के पन्ने चिपके थे. जिनमें से एक पन्ने पर उसने लिखा है कि मौत से पहले उसे 32 काम करने हैं. ये काम उसने तीन हिस्सों में बांटे थे. आइए आपको बताते हैं अतुल सुभाष की मौत से पहले की ये कहानी.

कमरे की दीवार पर चिपके थे दो पन्ने

बेंगलुरु के डेल्फिनियम रेसिडेंसी अपार्टमेंट की दूसरी मंजिल पर अतुल सुभाष रहा करते थे. वहीं एक कमरे में अतुल की लाश मिली थी. उस कमरे की एक दीवार पर मरने से पहले अतुल ने दो अलग-अलग पन्ने चिपकाए थे. एक पन्ने पर बड़े बड़े अक्षरों में ‘जस्टिस इज़ ड्यू’ लिखा था. जबकि उसके बराबर में चिपके दूसरे पन्ने पर बेहद छोटे छोटे अक्षरों में 32 कामों की एक ऐसी लिस्ट चिपकी थी, जिसे मौत को गले लगाने से पहले अतुल को पूरा करना था. इस चेक लिस्ट के सबसे ऊपर अतुल ने लिखा था ‘फाइनल टास्क बिफोर मुक्ति’.

तीन हिस्सों में बांटे थे जिंदगी के आखिरी 32 टास्क

दरअसल, ये अतुल के फाइनल 32 टास्क थे. इन टास्क को अतुल ने तीन अलग-अलग हिस्सों में बांटा था. पहले हिस्से का नाम उसने ‘बिफोर लास्ट डे’ यानि आखिरी दिन से पहले रखा था. दूसरे हिस्से का नाम ‘लास्ट डे’ रखा था. जबकि तीसरे हिस्से का नाम ‘एग्जिक्यूट लास्ट मूमेंट’ यानि आखिरी पल वाले काम रखा था. यानि इस फाइनल टास्क में अतुल की जिंदगी के आखिरी दो दिनों के सारे कामों की लिस्ट थी. इस फाइनल टास्क के आगे अतुल ने एक कॉलम या खाना बना रखा था. जिसमें वो जो जो काम जैसे-जैसे होता गया. उसके आगे या तो टिक लगाता गया. या डन लिखता गया.

32 में से 8 कामों के आगे लिखा था डन

इन 32 कामों में से पहले 8 कामों के आगे उसने डन लिखा था. जबकि 24 कामों के आगे टिक लगाई थी. जानते हैं अतुल की इस चेक लिस्ट में उसने अपने हिस्से में मौत से ऐन पहले यानि आखिरी काम क्या चुना था? मौत को गले लगाने से पहले आखिरी बार नहाना.

आखिरी दिन पूरे किए थे ये 8 टास्क

अतुल की जिंदगी की आखिरी दो दिनों की चेकलिस्ट की शुरुआत ‘बिफोर लास्ट डे’ से होती है. यानि मौत से एक दिन पहले. यानि 8 दिसंबर. 8 दिसंबर के लिए अतुल ने फाइनल 8 टास्क को चुना था. इस टास्क की शुरुआत होती है पहले टास्क इनिशिएट लास्ट डे से. यानि आखिरी दिन की शुरुआत से. दूसरा काम इम्पॉर्टेंट डॉक्यूमेंट्स को पैक करना था. तीसरा टास्क कानूनी तैयारियों को पूरा करना था. चौथा काम ऑफिस के सभी काम पूरे करना. पांचवा काम सभी कम्यूनिकेशन को इकट्ठा करना था. छठा काम डेटा का बैकअप लेना. सातवां काम छोटे-मोटे कामों को अंजाम देना. आठवां काम पैसों को सेव करना. मौत से पहले के इस आखिरी दिन अतुल ने खुद के लिए जो आठ टास्क चुने थे. वो सभी शायद पूरे हो गए थे. इसलिए इन सभी टास्क के आगे उसने डन लिखा था.

अतुल ने ऐसे की थी लास्ट डे की तैयारी

अतुल ने अपनी जिंदगी के आखिरी दिन के कामों को दो हिस्सों में बांट दिया था. पहला हिस्सा लास्ट डे के तौर पर, तय टास्क को पूरा करने के लिए और दूसरा हिस्सा आखिरी लम्हों के टास्क को पूरा करने के लिए. लास्ट डे के पहले हिस्से के लिए उसने कुल 10 टास्क खुद के लिए तय किए थे. यानि ये टास्क 8 और 9 दिसंबर की रात के थे. इस आखिरी दिन के टास्क में सभी को पैसे चुकाना. डॉक्यूमेंट्स को स्कैन कर अपलोड करना. इसे अपने मेल से जोड़ना. सुसाइड नोट की एक कॉपी बैकअप के तौर पर अपलोड करना. लैपटॉप, चार्जर, ऑफिस की आईडी, गेट की आईडी. सभी को ऑफिस में जमा करना. खुदकुशी के लिए फांसी का फंदा तैयार करना. अपने फोन से फिंगरप्रिंट और फेस रिकगनिशन को हटाना. छोटे-मोटे कामों का डेटा तैयार करना और सुसाइड नोट वीडियो को अपलोड करना.

सुसाइड नोट वीडियो और ईमेल

अब अतुल की जिंदगी का आखिरी लम्हा करीब आ चुका था. अब अतुल को अपने उन्हीं आखिरी लम्हों के 13 काम करने थे. इन आखिरी लम्हों के लिए जो फाइनल टास्क अतुल ने लिखा, उसकी शुरुआत ही डेस्ट्रॉय आई से होती है. यानि खुद को बर्बाद करना. इसके बाद अतुल सुसाइड नोट वीडियो और मेल को अलग-अलग ग्रुप में पब्लिश करने का काम करता है. इसके बाद वो अपने परिवार को मैसेज भेजता है. परिवार के बाद वकीलों को मैसेज भेजता है. ऑफिस को मेल करता है. अटैचमेंट को चेक करता है. फिर वीडियो को लाइव अपलोड करता है. सुसाइड नोट को उसी के साथ अटैच करता है. साथ ही कोर्ट की कॉपी भी मेल करता है. इसके बाद अतुल कोर्ट को भेजे गए मेल का बैकअप लेता है और उसे सेव करता है. फिर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को मेल भेजता है. भेजे गए मेल का अटैचमेंट चेक करता है.

पूरे हो चुके थे मुक्ति से पहले के आखिरी 32 काम

अब मुक्ति से पहले के 6 फाइनल टास्क बचे थे. आखिरी लम्हों के इन आखिरी कामों की शुरुआत अतुल कमरे में टेबल पर सुसाइड नोट रखकर करता है. इसके बाद वो कमरे की चाभी फ्रिज पर रखता है. कार और बाइक की चाभी भी उसी फ्रिज पर रखता है. अब उसके सारे काम हो चुके थे. आखिरी के चार काम बचे थे. आखिरी के चार कामों की शुरुआत वो 108 बार शिवा का नाम जपकर करता है. इसके बाद वो कमरे की सारी खिड़किया खोल देता है और दरवाजा बंद करता है अब वो बाथरुम जाता है. और आखिरी बार नहाता है. मुक्ति से पहले के आखिरी 32 काम अब पूरे हो चुके थे.

33 फाइनल टास्क था मौत

इसके बाद वो कमरे में ही पंखे में अटकाए फंदे से झूल जाता है. कायदे से मुक्ति से पहले ये उसका 33 फाइनल टास्क था. लेकिन अपने फाइनल टास्क में अतुल सुभाष ने इस आखिरी टास्क का ना कोई जिक्र किया, ना अपने टास्क में मेंशन किया. ना उसके लिए कोई कॉलम या खाना बनाया. क्योंकि अतुल को भी मालूम था ये वो टास्क था. जिसे करने से पहले ना वो डन लिख सकता था, ना टिक लगा सकता था. और करने के बाद तो ये मुमकिन ही नहीं था. क्योंकि मुर्दे कभी लिखते नहीं है. और इस तरह से मुक्ति से पहले अतुल के फाइनल टास्क कंप्लीट हो चुके थे.

घरवाले पूरा करेंगे एक ख्वाहिश

मौत के बाद अंतिम संस्कार हुआ और अब वही अतुल एक कलश में अस्थियों की शक्ल में बंद है. बेंगलुरु में ही अतुल के परिवार ने अतुल का अंतिम संस्कार किया. अंतिम संस्कार के बाद उसकी अस्थियों को कलश में सहेज कर रख लिया. बाद में वो इस कलश को लेकर बेंगलुरु से अपने घर बिहार में समस्तीपुर पहुंचे. एक सवाल जिसका जवाब हर कोई जानना चाहता था कि क्या अतुल की आखिरी 12 ख्वाहिशों में से इस एक ख्वाहिश को उसके घरवाले पूरा करेंगे. यानि जबतक अतुल को इंसाफ नहीं मिल जाता. क्या तब तक वो उसकी अस्थियों को सहेज कर रखेंगे. तो अतुल के भाई ने इस सवाल का जवाब दे ही दिया. उसने कहा कि जब तक इंसाफ नहीं मिलेगा, वे अतुल की अस्थियां सहेज कर रखेंगे.

क्या अतुल के परिवार को मिलेगा इंसाफ?

यानि फिलहाल तो अतुल की अस्थियां संभाल कर ही रखी जाएंगी. परिवार इंतजार करेगा फैसले का. पर फैसला क्या होगा पता नहीं. पर कहीं अगर फैसला अतुल के हक में ना हुआ यानि उसे इंसाफ ना मिला तो क्या अतुल का परिवार उसकी उस ख्वाहिश को पूरा कर पाएगा? क्या कोई भी परिवार ऐसा करने की हिम्मत कर पाएगा?

जौनपुर पहुंची बेंगलुरु पुलिस

अतुल की मां बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद से ही होश में कम बेहोश ज्यादा रह रहीं हैं. बेटे के अंतिम संस्कार के दिन ही वो समस्तीपुर से बेंगलुरु पहुंची थीं. पर अपने बेटे को आखिरी विदाई देने से पहले वो रो-रो कर निढाल हो चुकी थी. अतुल के भाई ने अतुल को खुदकुशी के लिए उकसाने के सिलसिले में चार लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी. केस दर्ज करने के बाद बेंगलुरु पुलिस की एक टीम यूपी के जौनपुर के लिए रवाना की गई.

बेंगलुरु पुलिस ले रही है लीगल एक्सपर्ट्स की राय

डीसीपी शिवकुमार ने आजतक से फोन पर बातचीत में कहा कि परिवार ने भले ही सिर्फ चार लोगों के नाम लिखाएं हो. लेकिन केस की जांच और लीगल एक्सपर्ट्स की राय लेने के बाद वो तय करेंगे कि क्या इस मामले में जौनपुर की फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक और उनके पेशकार माधव के खिलाफ भी केस दर्ज होना चाहिए और क्या उनसे पूछताछ की जानी चाहिए.

घर पर ताला लगाकर भागे अतुल के ससुरालवाले

इधर बेंगलुरु पुलिस की टीम जौनपुर रवाना हुई. उधर, रात के अंधेरे में ही अतुल की पत्नी निकिता का पूरा परिवार घर के दरवाजे पर ताला लगाकर चुपचाप फरार हो गया. यहां तक कि अतुल की सास के भागने की तस्वीरें तो कैमरे में कैद हैं. बाद में अतुल की सास और साला एक होटल के सीसीटीवी कैमरे में भी कैद नजर आए. वैसे घर से भागने से पहले जैसे ही अतुल की मौत की खबर सोशल मीडिया के जरिए पूरे देश में वायरल हुई. मीडिया की टीमें अतुल के ससुराल का पक्ष जानने के लिए जौनपुर में उसके घर के बाहर जमा हो गई थीं. लेकिन परिवार बात करने की बजाय उल्टे मीडिया को ही धमकाने लगा था.

निकिता के परिवार पर कसा कानून का शिकंजा

उन लोगों ने बालकनी से उंगलियां दिखाई और नीचे खड़े मीडिया वालों को हड़काया. ऐसा करने वालों में एक अतुल की सास निशा सिंघानिया और साला अनुराग सिंघानिया था. दिन के उजाले में दोनों ने मीडिया को उंगलियां दिखाईं थीं और रात के अंधेरे में दरवाजे पर ताला जड़ कर रफूचक्कर हो गए. उन्हें पता था कि बेंगलुरु पुलिस कभी भी घर पर दस्तक दे सकती है. और घरवालों को गिरफ्तार कर अपने साथ ले जा सकती है. अब देखना ये है कि बेंगलुरु पुलिस के साथ अतुल के ससुराल वालों की लुका छुपी का खेल कितने दिन चलेगा.

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अपार्टमेंट की छत पर दौड़ती हैं फर्राटे से गाड़ियां, नीचे रहते हैं सैकड़ों परिवार, पूछने लगे लोग- ‘कपड़े कैसे सूखते हैं?’ https://upheadline.live/2024/12/16/cars-run-fast-on-the-roof-of-the-apartment-hundreds-of-families-live-below/ https://upheadline.live/2024/12/16/cars-run-fast-on-the-roof-of-the-apartment-hundreds-of-families-live-below/#respond Mon, 16 Dec 2024 10:49:30 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2119 बीजिंग : विज्ञान के साथ ही इंसान ने काफी ज्यादा तरक्की कर ली है, अब इंसान के द्वारा ऐसे-ऐसे नमूने तैयार कर दिए जाते हैं जिस विश्वास नहीं होता है. लेकिन इन दिनों एक वीडियो सामने आया है जिसमें जहां घर की छत पर हाइवे बना हुआ है. इतना ही नहीं, इस पर गाड़ियां और बसें फर्राटा भरती नजर आ रही हैं.

अपार्टमेंट की छत पर दौड़ती हैं गाड़ियां

वायरल वीडियो में एक सड़क दिखाई पड़ रही है. इस पर वाहन तेजी से गुजर रहे हैं. लेकिन इस पर जरा सा नीचे देखने पर आपको दिखाई देगा कि बिल्डिंग्स हैं. इतना ही नहीं अपार्टमेंट के ठीक ऊपर ओवरब्रिज बना हुआ है, जिस प गाड़ियां दौड़ रही हैं. वहीं अपार्टमेंट भी खाली नहीं है बल्कि इसमें लोग परिवार के साथ रहते हैं.

9 लाख से अधिक लोग देख चुके हैं वीडियो

वायरल वीडियो चीन का बताया जा रहा है. इसको इंस्टाग्राम पर itschina.baby नाम के अकाउंट से शेयर किया गया है. इस वीडियो को अब तक 9 लाख से अधिक लोग देख चुके हैं और 19 हजार से अधिक लोग पसंद कर चुके है. इसको लेकर एक यूजर ने लिखा- वो तो सब ठीक है लेकिन छत पर कपड़े कैसे सूखेंगे? वहीं एक अन्य यूजर ने कहा कि यदि भूकंप आ गया तो? वहीं अधिकतर यूजर्स का कहना था कि चीन को ओवरब्रिज पर इतना अधिक भरोसा?

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अलीगढ़ की मीट फैक्ट्री में अमोनिया गैस का रिसाव, 7 कर्मचारी हुए बेहोश https://upheadline.live/2024/12/16/ammonia-gas-leak-in-aligarh-meat-factory-7-workers-fainted/ https://upheadline.live/2024/12/16/ammonia-gas-leak-in-aligarh-meat-factory-7-workers-fainted/#respond Mon, 16 Dec 2024 10:38:47 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2116 अलीगढ़। दिल्ली-कानपुर बाईपास के अमरपुर कोंडला स्थित फेयर एक्सपोर्ट मीट फैक्ट्री में रविवार शाम को अमोनिया गैस के रिसाव होने से अफरातफरी मच गई। इसमें कई मजदूरों की हालत बिगड़ गई है।

सात मजदूरों को नजदीकी निजी स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया गया। यहां इनकी गंभीर हालात को देखते हुए खैर रोड स्थित जीवन ज्योति अस्पताल में रेफर कर दिया। पीड़ितों में छह महिलाएं भी शामिल हैं।

घटना की सूचना पर पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने मौका मुआयना किया। अस्पताल में पहुंचकर बेहोश लोगों का हाल जाना। अब हादसे का कारण जानने के लिए जांच शुरू हो गई है।

फ्रोजन प्वाइंट पर वाल्व लीक होने से हादसा

प्राथमिक जांच में सामने आया है कि फैक्ट्री के फ्रोजन प्वाइंट पर वाल्व लीक होने से यह हादसा हुआ है। करीब पांच मिनट तक गैस का रिसा चलता रहा। डीएम विशाख जी. ने पुलिस, प्रशासन, अग्निशमन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कारखाना विभाग के अधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं। फैक्ट्री का संचालन रोक दिया गया है। रात में ही फ्रोजन प्वाइंट को सील कर दिया गया है।

फेयर एक्सपोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में प्रतिदिन दो सौ पशुओं का कटान होता है। रविवार को भी सामान्य दिनों की तरह शाम पांच बजे तक इस फैक्ट्री में पशुओं का कटान हुआ था।

इसके बाद, शाम को पैकेजिंग एरिया में मीट की पैकिंग हो रही थी। इसमें करीब सौ से अधिक मजदूर काम कर रहे थे। इसमें 40 से अधिक महिलाएं शामिल थीं। शाम को सात बजे करीब अचानक से फ्रोजन प्वाइंट का वाल्व लीक होने से अमोनिया गैस का रिसाव शुरू हो गया। इससे पूरी फैक्ट्री में अफरा-तफरी मच गईं। इसमें कई लोगों की हालत बिगड़ गई।

जानकारी मिलने पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी

फैक्ट्री प्रबंधन ने सभी को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं दी। प्रशासनिक अधिकारियों को मामले की जानकारी हुई तो एडीएम सिटी अमित कुमार भट्ट समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए। अधिकारियों ने बेहोश हुए मजदूरों को सारसौल स्थित जीवन ज्योति अस्पताल रेफर कराया।

इनमें शाहजमाल की चांदनी व अलफिशा, रोरावर की रजनी, भुजपुरा की नाजिया, मकदूम नगर की जैनब, नींवरी की सोफिया व तालसपुर खुर्द के अरमान शामिल हैं। तीन हालत गंभीर बताई जा रही है।

अमोनिया गैस के रिसाव से कुल सात लोगों की हालात बिगड़ने की जानकारी सामने आई है। कई विभागों की टीमों को जांच के आदेश दिए हैं। विस्तृत रिपोर्ट आने तक फैक्ट्री के संचालन पर रोक लगा दी गई है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि फ्रोजन प्वाइंट में यह हादसा हुआ है, जिसे सील करा दिया है।

-विशाख जी., डीएम

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बिल्ली को बचाने के प्रयास में कार पेड़ से टकराई! हादसे में मां बेटे की हुई मौत, एक घायल https://upheadline.live/2024/12/16/while-trying-to-save-the-cat-the-car-collided-with-a-tree/ https://upheadline.live/2024/12/16/while-trying-to-save-the-cat-the-car-collided-with-a-tree/#respond Mon, 16 Dec 2024 10:14:58 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2113 हल्द्वानी: रुद्रपुर हल्द्वानी मार्ग पर सड़क हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. एक हफ्ते में तीन बड़े सड़क हादसे से कई सवाल उठ रहे हैं, हादसे में तीन लोगों की जान जा चुकी है, तो जबकि कई लोग घायल हो चुके हैं. वहीं बीती देर रात ट्रांसपोर्ट नगर पुलिस चौकी क्षेत्र के हल्द्वानी रुद्रपुर मार्ग बेलबाबा मंदिर के पास दर्दनाक सड़क हादसा हुआ. जिसमें मां और बेटे की मौत हो गई, जबकि चालक गंभीर घायल हो गया.

मुरादाबाद से हल्द्वानी आ रहे थे कार सवार: गौर हो कि रुद्रपुर हल्द्वानी मार्ग पर एक कार हादसे की शिकार हो गई. हादसे में मां और बेटे की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर घायल हो गया. हादसे का मुख्य कारण बिल्ली के बच्चे को बचाना रहा है. हल्द्वानी बनभूलपुरा लाइन नंबर 14 निवासी मोहम्मद आरिफ की पत्नी सवाना परवीन उम्र 45 वर्ष, बेटा अब्दुल योजान उम्र 15 वर्ष मुरादाबाद से हल्द्वानी आ रहे थे, तभी बेलबाबा मंदिर के समीप अचानक रोड से एक बिल्ली का बच्चा गुजरा, जिसे बचाने के चक्कर में ड्राइवर ने स्टेरिंग काट दिया.

हादसे में कार के उड़े परखच्चे: स्पीड ज्यादा होने की वजह से कार असंतुलित होकर एक पेड़ से जा टकराई. हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए. सड़क हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस तीनों को अस्पताल ले गई, जहां दो लोगों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है. दर्दनाक हादसे से हर कोई स्तब्ध है. इधर पुलिस ने जानकारी देते बताया कि हादसे में घायल ड्राइवर का उपचार चल रहा है.

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महाराष्ट्र में फडणवीस मंत्रिमंडल का विस्तार, एकनाथ शिंदे-अजित पवार की मौजूदगी में 39 मंत्रियों ने ली शपथ https://upheadline.live/2024/12/16/fadnavis-cabinet-expanded-in-maharashtra-39-ministers-took-oath-in-the-presence-of-eknath-shinde/ https://upheadline.live/2024/12/16/fadnavis-cabinet-expanded-in-maharashtra-39-ministers-took-oath-in-the-presence-of-eknath-shinde/#respond Mon, 16 Dec 2024 03:41:20 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2110 मुंबई: राज्य विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद महायुति सरकार के गठन के कुछ दिनों बाद महाराष्ट्र में पहला मंत्रिमंडल विस्तार हो गया. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में आज मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया. इस दौरान महायुति के 39 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. गठबंधन में शामिल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 19, अजित पवार की एनसीपी को 9 और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के 11 विधायकों ने शपथ मंत्री पद की शपथ ली.

सबसे पहले महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने नागपुर स्थित राजभवन में राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. इसके बाद राधाकृष्ण विखे और एनसीपी विधायक हसन मुश्रीफ ने भी मंत्री पद की शपथ ली और भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने भी मंत्री पद की शपथ ली.

इनके अलावा फडणवीस मंत्रिमंडल में जिन लोगों को जगह मिली है, उनमें गिरीश महाजन, गुलाबराव पाटिल, गणेश नाइक, धनंजय मुंडे, मंगल प्रभात लोढ़ा, उदय सामंत, शिवसेना विधायक दादा भुसे और संजय राठौड़ के नाम भी शामिल हैं.

इतना ही नहीं जयकुमार रावल, पंकजा मुंडे, अतुल सावे, संभूराज देसाई, आशीष शेलार और अशोक उईके को फडणवीस के मंत्री मंडल में जगह मिली है.

नागपुर में शपथ समारोह

शपथ समारोह नागपुर में हुआ. 1991 के बाद यह दूसरी मौका है कि जब महाराष्ट्र के मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह नागपुर में आयोजित हुआ. महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन राजभवन में नए मंत्रियों को शपथ दिलाई. उस समय नागपुर स्थित राजभवन में 5 मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ली थी.

नितिन गडकरी ने किया फडणवीस का स्वागत

इससे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का स्वागत किया. राज्य मंत्रिमंडल विस्तार से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को नागपुर में बाबासाहेब आंबेडकर को पुष्पांजलि अर्पित की. उन्होंने 2024 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली महायुति की जीत के बाद पहली बार शहर में रोड शो किया.

जानिए किस पार्टी से कौन बना मंत्री

  • बीजेपी: गिरीश महाजन
  • बीजेपी: चंद्रकांत पाटिल
  • बीजेपी: मंगलप्रभात लोढ़ा
  • बीजेपी: राधाकृष्ण विखे पाटिल
  • बीजेपी: पंकजा मुंडे
  • बीजेपी: गणेश नाइक
  • बीजेपी: चन्द्रशेखर बावनकुले
  • बीजेपी: आशीष शेलार
  • बीजेपी: अतुल बचाओ
  • बीजेपी: संजय सावकरे
  • बीजेपी: अशोक उइके
  • बीजेपी: आकाश फुंडकर
  • बीजेपी: माधुरी मिसाल
  • बीजेपी: जयकुमार गोरे
  • बीजेपी: मेघना बोर्डिकर
  • बीजेपी: पंकज भोयर
  • बीजेपी: शिवेंद्र राजे भोसले
  • बीजेपी: नितेश राणे
  • बीजेपी: जयकुमार रावल
  • शिवसेना: दादा भूसे
  • शिवसेना: गुलाबराव पाटिल
  • शिवसेना: संजय राठौड़
  • शिवसेना: उदय सामत
  • शिवसेना: शंभुराज देसाई
  • शिवसेना: प्रताप सरनाईक
  • शिव सेना: योगश कदम
  • शिवसेना: आशीष जयसवाल
  • शिव सेना: भरत गोगावले
  • शिवसेना: प्रकाश अबितकर
  • शिवसेना: संजय शिरसाट
  • एनसीपी: हसन मुश्रीफ
  • एनसीपी: अदिति तटकरे
  • एनसीपी: धनंजय मुंडे
  • एनसीपी: दत्तात्रय भरणे
  • एनसीपी: बाबासाहेब पाटिल
  • एनसीपी: नरहरि जिरवाल
  • एनसीपी: मकरंद पाटिल
  • एनसीपी: इंद्रनील नाइक
  • एनसीपी: माणिकराव कोकाटे
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PMJJBY ने 21 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 2 लाख रुपये का जीवन बीमा कवरेज दिया: वित्त मंत्रालय https://upheadline.live/2024/12/16/pmjjby-provides-life-insurance-coverage-of-rs-2-lakh-to-more-than-21-crore-beneficiaries-finance-ministry/ https://upheadline.live/2024/12/16/pmjjby-provides-life-insurance-coverage-of-rs-2-lakh-to-more-than-21-crore-beneficiaries-finance-ministry/#respond Mon, 16 Dec 2024 03:26:31 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2107 प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), और प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) ने आम नागरिकों के लिए वित्तीय सुरक्षा और समावेशन की दिशा में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं. वित्त मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इन योजनाओं ने करोड़ों लोगों को फायदा पहुंचाया है, जिससे उनके जीवन में स्थिरता और सुरक्षा आई है.

पीएमजेजेबीवाई की खासियत

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत अब तक 21.67 करोड़ लोगों ने नामांकन किया है. इस योजना ने 2 लाख रुपए के जीवन बीमा कवरेज के माध्यम से 21 करोड़ से अधिक परिवारों को राहत प्रदान की है. 20 अक्टूबर 2024 तक, इस योजना के तहत कुल 8,60,575 दावे प्राप्त हुए, जिनकी कीमत 17,211.50 करोड़ रुपए थी. इस योजना का उद्देश्य लोगों को अनिश्चितता के समय वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है.

पीएमएसबीवाई का प्रभाव

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत दुर्घटना बीमा कवरेज में 47.59 करोड़ लोगों ने नामांकन किया है. अब तक 1,93,964 दावे दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 1,47,641 दावे वितरित किए जा चुके हैं. यह योजना मात्र ₹12 के वार्षिक प्रीमियम पर 2 लाख रुपए का बीमा कवरेज प्रदान करती है, जिससे निम्न और मध्यम वर्गीय परिवारों को बड़ा लाभ मिल रहा है.

पीएमजेडीवाई से लोगों को हुआ फायदा

प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत 53.13 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं. इनमें से 55.6% खाताधारक महिलाएं हैं, और 66.6% खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं. इस योजना ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है. जन-धन खातों में कुल जमा राशि 2,31,236 करोड़ रुपए है. 15 अगस्त 2024 तक खातों में 3.6 गुना और जमा राशि में 15 गुना वृद्धि दर्ज की गई है.

इन योजनाओं के सफल कार्यान्वयन ने देश में वित्तीय समावेशन और सुरक्षा को मजबूत किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इन योजनाओं का उद्देश्य गरीब और वंचित वर्ग को आर्थिक मजबूती प्रदान करना है. वित्त मंत्रालय के अनुसार, ये योजनाएं समाज के हर वर्ग तक पहुंच रही हैं और वित्तीय जागरूकता बढ़ाने में सहायक साबित हो रही हैं.

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