राज्य – UP Headline https://upheadline.live Tue, 17 Dec 2024 02:21:49 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8 प्राविधिक शिक्षा विभाग में घोटाले का आरोप लगाकर धरने पर बैठीं थी पल्लवी पटेल, योगी के मंत्री आए फिर… https://upheadline.live/2024/12/17/pallavi-patel-was-sitting-on-strike-alleging-scam-in-technical-education-department-yogis-minister-came-again/ https://upheadline.live/2024/12/17/pallavi-patel-was-sitting-on-strike-alleging-scam-in-technical-education-department-yogis-minister-came-again/#respond Tue, 17 Dec 2024 02:21:49 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2133 लखनऊ : विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को सिराथू से सपा की बागी विधायक पल्लवी पटेल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की. उन्होंने योगी सरकार के मंत्री आशीष पटेल पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर कार्रवाई की मांग की. इसके बाद नियम के अनुसार सवाल न पूछने देने पर वह सदन से बाहर आकर धरने पर बैठ गईं. वह करीब 9 घंटे तक धरने पर बैठी रहीं. रात 10.30 बजे संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने उन्हें मनाया.

विधायक पल्लवी पटेल वे कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार पिछड़ों के वोट से बनी है. अब उन पिछड़ों का ही हक छीना जा रहा है. अपना दल एस कमेरावादी नेता पल्लवी पटेल ने प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक पदों पर नियुक्ति में धांधली का आरोप लगाया. कहा कि वर्तमान सेवा नियमावली को ताक पर रखा गया. पुरानी नियमावली के आधार पर सीधी भर्ती न कर पदोन्नति से 250 नियुक्तियां कर दी गईं. इसके जरिए पिछड़े वर्ग का मारा गया.

इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने के साथ ही पल्लवी पटेल योगी सरकार के मंत्री आशीष पटेल के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग भी कर रहीं हैं. उनका आरोप है कि वह सदन में नियम के अनुसार अपनी बात रख रहीं थीं. इस दौरान उनका माइक ही बंद कर दिया गया. इसके बाद वह बाहर आकर परिसर में ही धरने पर बैठ गईं. पुलिस भी मौके पर पहुंच गईं. तमाम नेता भी पहुंचे. उन्हें मनाने के प्रयास किए गए लेकिन वह नहीं मानी.

रात में कड़ाके की ठंड के बावजूद वह डटी रहीं. रात करीब 10.30 बजे सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना मौके पर पहुंचे. उन्होंने विधायक से बात की. इसके बाद पल्लवी पटेल धरने से उठने के लिए राजी हुईं. इसके बाद वह परिसर से निकलकर चली गईं. विधायक आज सदन में अपनी बात रख सकती हैं.

पल्लवी पटेल पिछले कई वर्षों से अपने पिता की मौत की भी सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहीं हैं. इसके लिए वह साल 2022 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिख चुकी हैं. 23 अगस्त 2022 को अयोध्या में सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन भी दिया था.

डॉक्टर सोनेलाल पटेल ने नवंबर 1995 में अपना दल की स्थापना की. साल 2009 में कानपुर के नवाबगंज इलाके के कंपनीबाग चौराहे के पास बेकाबू कार ने उनके वाहन में टक्कर मार दी थी. हादसे में उनकी मौत हो गई थी. सोनेलाल की बड़ी बेटी पल्लवी पटेल सिराथू से विधायक हैं. उनकी छोटी बेटी अनुप्रिया पटेल अपना दल सोनेलाल की अध्यक्ष हैं. वह मोदी सरकार में मंत्री भी हैं.

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सम्भल के बाद अब वाराणसी में पौराणिक मंदिर मिलने का दावा, स्कंद पुराण में भी जिक्र https://upheadline.live/2024/12/17/after-sambhal-now-there-is-a-claim-of-finding-a-mythological-temple-in-varanasi/ https://upheadline.live/2024/12/17/after-sambhal-now-there-is-a-claim-of-finding-a-mythological-temple-in-varanasi/#respond Tue, 17 Dec 2024 02:12:09 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2130 उत्तर प्रदेश के संभल में 46 साल से बंद शिव मंदिर का मामला अभी चर्चा में ही है कि अब वाराणसी से भी ऐसा ही एक मिलता-जुलता मामला सामने आया है. दावा किया जा रहा है कि यहां मुस्लिम बहुल इलाके में 10 साल से एक शिव मंदिर बंद पड़ा है. इस मंदिर को खुलवाने को लेकर पुलिस प्रशासन को एक पत्र दिया गया है, जिसके बाद इलाके में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

वाराणसी के जिस मुस्लिम बहुल इलाके मदनपुरा में मंदिर होने की बात कही जा रही है, वह दशाश्वमेध थाना क्षेत्र में आता है. सोशल मीडिया पर बंद पड़े ‘मंदिर’ की तस्वीर वायरल होने के बाद सनातन रक्षक दल की तरफ से पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया गया है. इस पत्र में मंदिर को फिर से खुलवाने की मांग की गई है.

पत्र लिखकर मंदिर खुलवाने की मांग

बताया जा रहा है कि मंदिर मदनपुरा के मकान नंबर D-31 के चबूतरे के पास स्थित है. इस मंदिर पर पिछले एक दशक से ताला लटक रहा है. इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल हुई थीं. जिसके बाद सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने पुलिस को एक पत्र लिखकर मंदिर का ताला खुलवाने की मांग की है.

मंदिर के अंदर मिट्टी भरी होने का दावा

मंदिर को लेकर पत्र मिलने के बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची थी, जिसने जांच-पड़ताल के बाद पुलिस बल को तैनात कर दिया है. दावा किया जा रहा है कि यह मंदिर लगभग ढाई सौ साल पुराना है, लेकिन पिछले एक दशक से मंदिर पर ताला लगा होने के कारण वह बंद है. बताया जा रहा है कि मंदिर के अंदर मिट्टी भरी हुई है.

मालिकाना हक पता करने की कोशिश शुरू

दावा यह भी किया जा रहा है कि इस मंदिर का जिक्र काशी खंड में है. मंदिर पुष्पदंतेश्वर से दक्षिण परम सिद्धिप्रद सिद्धिश्वर का है, जिसके पास ही सिद्धतीर्थ कूप भी है. हालांकि पुलिस की अब तक की जांच में यह पता नहीं चल सका है कि मंदिर का मालिकाना हक किसके पास है और मंदिर पर ताला किसने लगाया? इस बात की भी पड़ताल की जा रही है कि ये ताला कब लगाया गया है.

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बहराइच में किशोर के हत्या की खौफनाक कहानी 17 टुकड़ों में शव बरामद, जानकार आपके रूह कांप जाएंगे https://upheadline.live/2024/12/17/the-horrifying-story-of-murder-of-teenager-in-bahraich-body-recovered-in-17-pieces/ https://upheadline.live/2024/12/17/the-horrifying-story-of-murder-of-teenager-in-bahraich-body-recovered-in-17-pieces/#respond Tue, 17 Dec 2024 02:02:23 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2127 उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक खौफनाक घटना सामने आई है. रिसिया थाना क्षेत्र के गायत्रीपुरम निवासी 15 वर्षीय नाबालिग लड़के विक्रम की ट्रैक्टर मालिक ने अपने सहयोगी के साथ मिलकर हत्या कर दी. हत्या का तरीका इतना खतरनाक था कि सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो गए. दरअसल, 9 दिसंबर को विक्रम के पिता ने अपने बेटे के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी.

शिकायत के अनुसार, विक्रम अपने मालिक संजय वर्मा के ट्रैक्टर पर ड्राइवर का काम करता था. घटना वाले दिन विक्रम खेत जुताई के लिए गया था, लेकिन वापस नहीं लौटा. पुलिस ने जांच शुरू की और पाया कि ट्रैक्टर मालिक संजय वर्मा ने अपने सहयोगी लवकुश पाल के साथ मिलकर विक्रम की हत्या कर दी.

दिल दहला देगा हत्या का खौफनाक तरीका

पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बताया कि खेत में काम करते समय विक्रम ट्रैक्टर से चोटिल हो गया था. इसके बाद संजय वर्मा और लवकुश पाल ने विक्रम को अस्पताल ले जाने के बजाय ट्रैक्टर से बार-बार कुचल कर उसकी पहचान मिटाने की कोशिश की. शव के टुकड़ों को खेत में दबा दिया गया और जूते व कपड़े तालाब में फेंक दिए.

पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने यह भी बताया कि विक्रम को ट्रैक्टर से कुचलते वक्त जो कपड़े और शरीर के अंग उसमें फंस गए थे, उन्हें आरोपियों ने चार किलोमीटर दूर ले जाकर दूसरे खेत में साफ कर दिया.

पुलिस ने की कार्रवाई

जांच के दौरान पुलिस को संजय वर्मा के बयान संदिग्ध लगे. सख्ती से पूछताछ करने पर उसने पूरी घटना कबूल कर ली. पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर शव के 17 टुकड़े और अन्य सबूत बरामद किए. शव के अंगों को डीएनए जांच के लिए भेजा गया.

पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने कहा, “हम इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाएंगे और आरोपियों को कड़ी सजा दिलवाने की हरसंभव कोशिश करेंगे. घटना के खुलासे में सीओ हर्षिता तिवारी, थानाध्यक्ष राजनाथ सिंह और अन्य पुलिस टीमों ने अहम भूमिका निभाई.”

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मौत को गले लगाने से पहले अतुल को करने थे 32 काम, बनाई थी चेकलिस्ट https://upheadline.live/2024/12/17/before-embracing-death-atul-had-to-do-32-tasks-he-had-made-a-checklist/ https://upheadline.live/2024/12/17/before-embracing-death-atul-had-to-do-32-tasks-he-had-made-a-checklist/#respond Tue, 17 Dec 2024 01:51:55 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2124 एक घंटा, 21 मिनट और 46 सेकेंड का वीडियो बनाने वाला और तीस पन्नों का सुसाइड नोट लिखने वाला अतुल सुभाष अपनी मौत के पहले के आखिरी दो दिनों की पूरी कहानी भी लिख गया. अतुल के कमरे की दिवार पर दो कागज के पन्ने चिपके थे. जिनमें से एक पन्ने पर उसने लिखा है कि मौत से पहले उसे 32 काम करने हैं. ये काम उसने तीन हिस्सों में बांटे थे. आइए आपको बताते हैं अतुल सुभाष की मौत से पहले की ये कहानी.

कमरे की दीवार पर चिपके थे दो पन्ने

बेंगलुरु के डेल्फिनियम रेसिडेंसी अपार्टमेंट की दूसरी मंजिल पर अतुल सुभाष रहा करते थे. वहीं एक कमरे में अतुल की लाश मिली थी. उस कमरे की एक दीवार पर मरने से पहले अतुल ने दो अलग-अलग पन्ने चिपकाए थे. एक पन्ने पर बड़े बड़े अक्षरों में ‘जस्टिस इज़ ड्यू’ लिखा था. जबकि उसके बराबर में चिपके दूसरे पन्ने पर बेहद छोटे छोटे अक्षरों में 32 कामों की एक ऐसी लिस्ट चिपकी थी, जिसे मौत को गले लगाने से पहले अतुल को पूरा करना था. इस चेक लिस्ट के सबसे ऊपर अतुल ने लिखा था ‘फाइनल टास्क बिफोर मुक्ति’.

तीन हिस्सों में बांटे थे जिंदगी के आखिरी 32 टास्क

दरअसल, ये अतुल के फाइनल 32 टास्क थे. इन टास्क को अतुल ने तीन अलग-अलग हिस्सों में बांटा था. पहले हिस्से का नाम उसने ‘बिफोर लास्ट डे’ यानि आखिरी दिन से पहले रखा था. दूसरे हिस्से का नाम ‘लास्ट डे’ रखा था. जबकि तीसरे हिस्से का नाम ‘एग्जिक्यूट लास्ट मूमेंट’ यानि आखिरी पल वाले काम रखा था. यानि इस फाइनल टास्क में अतुल की जिंदगी के आखिरी दो दिनों के सारे कामों की लिस्ट थी. इस फाइनल टास्क के आगे अतुल ने एक कॉलम या खाना बना रखा था. जिसमें वो जो जो काम जैसे-जैसे होता गया. उसके आगे या तो टिक लगाता गया. या डन लिखता गया.

32 में से 8 कामों के आगे लिखा था डन

इन 32 कामों में से पहले 8 कामों के आगे उसने डन लिखा था. जबकि 24 कामों के आगे टिक लगाई थी. जानते हैं अतुल की इस चेक लिस्ट में उसने अपने हिस्से में मौत से ऐन पहले यानि आखिरी काम क्या चुना था? मौत को गले लगाने से पहले आखिरी बार नहाना.

आखिरी दिन पूरे किए थे ये 8 टास्क

अतुल की जिंदगी की आखिरी दो दिनों की चेकलिस्ट की शुरुआत ‘बिफोर लास्ट डे’ से होती है. यानि मौत से एक दिन पहले. यानि 8 दिसंबर. 8 दिसंबर के लिए अतुल ने फाइनल 8 टास्क को चुना था. इस टास्क की शुरुआत होती है पहले टास्क इनिशिएट लास्ट डे से. यानि आखिरी दिन की शुरुआत से. दूसरा काम इम्पॉर्टेंट डॉक्यूमेंट्स को पैक करना था. तीसरा टास्क कानूनी तैयारियों को पूरा करना था. चौथा काम ऑफिस के सभी काम पूरे करना. पांचवा काम सभी कम्यूनिकेशन को इकट्ठा करना था. छठा काम डेटा का बैकअप लेना. सातवां काम छोटे-मोटे कामों को अंजाम देना. आठवां काम पैसों को सेव करना. मौत से पहले के इस आखिरी दिन अतुल ने खुद के लिए जो आठ टास्क चुने थे. वो सभी शायद पूरे हो गए थे. इसलिए इन सभी टास्क के आगे उसने डन लिखा था.

अतुल ने ऐसे की थी लास्ट डे की तैयारी

अतुल ने अपनी जिंदगी के आखिरी दिन के कामों को दो हिस्सों में बांट दिया था. पहला हिस्सा लास्ट डे के तौर पर, तय टास्क को पूरा करने के लिए और दूसरा हिस्सा आखिरी लम्हों के टास्क को पूरा करने के लिए. लास्ट डे के पहले हिस्से के लिए उसने कुल 10 टास्क खुद के लिए तय किए थे. यानि ये टास्क 8 और 9 दिसंबर की रात के थे. इस आखिरी दिन के टास्क में सभी को पैसे चुकाना. डॉक्यूमेंट्स को स्कैन कर अपलोड करना. इसे अपने मेल से जोड़ना. सुसाइड नोट की एक कॉपी बैकअप के तौर पर अपलोड करना. लैपटॉप, चार्जर, ऑफिस की आईडी, गेट की आईडी. सभी को ऑफिस में जमा करना. खुदकुशी के लिए फांसी का फंदा तैयार करना. अपने फोन से फिंगरप्रिंट और फेस रिकगनिशन को हटाना. छोटे-मोटे कामों का डेटा तैयार करना और सुसाइड नोट वीडियो को अपलोड करना.

सुसाइड नोट वीडियो और ईमेल

अब अतुल की जिंदगी का आखिरी लम्हा करीब आ चुका था. अब अतुल को अपने उन्हीं आखिरी लम्हों के 13 काम करने थे. इन आखिरी लम्हों के लिए जो फाइनल टास्क अतुल ने लिखा, उसकी शुरुआत ही डेस्ट्रॉय आई से होती है. यानि खुद को बर्बाद करना. इसके बाद अतुल सुसाइड नोट वीडियो और मेल को अलग-अलग ग्रुप में पब्लिश करने का काम करता है. इसके बाद वो अपने परिवार को मैसेज भेजता है. परिवार के बाद वकीलों को मैसेज भेजता है. ऑफिस को मेल करता है. अटैचमेंट को चेक करता है. फिर वीडियो को लाइव अपलोड करता है. सुसाइड नोट को उसी के साथ अटैच करता है. साथ ही कोर्ट की कॉपी भी मेल करता है. इसके बाद अतुल कोर्ट को भेजे गए मेल का बैकअप लेता है और उसे सेव करता है. फिर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को मेल भेजता है. भेजे गए मेल का अटैचमेंट चेक करता है.

पूरे हो चुके थे मुक्ति से पहले के आखिरी 32 काम

अब मुक्ति से पहले के 6 फाइनल टास्क बचे थे. आखिरी लम्हों के इन आखिरी कामों की शुरुआत अतुल कमरे में टेबल पर सुसाइड नोट रखकर करता है. इसके बाद वो कमरे की चाभी फ्रिज पर रखता है. कार और बाइक की चाभी भी उसी फ्रिज पर रखता है. अब उसके सारे काम हो चुके थे. आखिरी के चार काम बचे थे. आखिरी के चार कामों की शुरुआत वो 108 बार शिवा का नाम जपकर करता है. इसके बाद वो कमरे की सारी खिड़किया खोल देता है और दरवाजा बंद करता है अब वो बाथरुम जाता है. और आखिरी बार नहाता है. मुक्ति से पहले के आखिरी 32 काम अब पूरे हो चुके थे.

33 फाइनल टास्क था मौत

इसके बाद वो कमरे में ही पंखे में अटकाए फंदे से झूल जाता है. कायदे से मुक्ति से पहले ये उसका 33 फाइनल टास्क था. लेकिन अपने फाइनल टास्क में अतुल सुभाष ने इस आखिरी टास्क का ना कोई जिक्र किया, ना अपने टास्क में मेंशन किया. ना उसके लिए कोई कॉलम या खाना बनाया. क्योंकि अतुल को भी मालूम था ये वो टास्क था. जिसे करने से पहले ना वो डन लिख सकता था, ना टिक लगा सकता था. और करने के बाद तो ये मुमकिन ही नहीं था. क्योंकि मुर्दे कभी लिखते नहीं है. और इस तरह से मुक्ति से पहले अतुल के फाइनल टास्क कंप्लीट हो चुके थे.

घरवाले पूरा करेंगे एक ख्वाहिश

मौत के बाद अंतिम संस्कार हुआ और अब वही अतुल एक कलश में अस्थियों की शक्ल में बंद है. बेंगलुरु में ही अतुल के परिवार ने अतुल का अंतिम संस्कार किया. अंतिम संस्कार के बाद उसकी अस्थियों को कलश में सहेज कर रख लिया. बाद में वो इस कलश को लेकर बेंगलुरु से अपने घर बिहार में समस्तीपुर पहुंचे. एक सवाल जिसका जवाब हर कोई जानना चाहता था कि क्या अतुल की आखिरी 12 ख्वाहिशों में से इस एक ख्वाहिश को उसके घरवाले पूरा करेंगे. यानि जबतक अतुल को इंसाफ नहीं मिल जाता. क्या तब तक वो उसकी अस्थियों को सहेज कर रखेंगे. तो अतुल के भाई ने इस सवाल का जवाब दे ही दिया. उसने कहा कि जब तक इंसाफ नहीं मिलेगा, वे अतुल की अस्थियां सहेज कर रखेंगे.

क्या अतुल के परिवार को मिलेगा इंसाफ?

यानि फिलहाल तो अतुल की अस्थियां संभाल कर ही रखी जाएंगी. परिवार इंतजार करेगा फैसले का. पर फैसला क्या होगा पता नहीं. पर कहीं अगर फैसला अतुल के हक में ना हुआ यानि उसे इंसाफ ना मिला तो क्या अतुल का परिवार उसकी उस ख्वाहिश को पूरा कर पाएगा? क्या कोई भी परिवार ऐसा करने की हिम्मत कर पाएगा?

जौनपुर पहुंची बेंगलुरु पुलिस

अतुल की मां बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद से ही होश में कम बेहोश ज्यादा रह रहीं हैं. बेटे के अंतिम संस्कार के दिन ही वो समस्तीपुर से बेंगलुरु पहुंची थीं. पर अपने बेटे को आखिरी विदाई देने से पहले वो रो-रो कर निढाल हो चुकी थी. अतुल के भाई ने अतुल को खुदकुशी के लिए उकसाने के सिलसिले में चार लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी. केस दर्ज करने के बाद बेंगलुरु पुलिस की एक टीम यूपी के जौनपुर के लिए रवाना की गई.

बेंगलुरु पुलिस ले रही है लीगल एक्सपर्ट्स की राय

डीसीपी शिवकुमार ने आजतक से फोन पर बातचीत में कहा कि परिवार ने भले ही सिर्फ चार लोगों के नाम लिखाएं हो. लेकिन केस की जांच और लीगल एक्सपर्ट्स की राय लेने के बाद वो तय करेंगे कि क्या इस मामले में जौनपुर की फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक और उनके पेशकार माधव के खिलाफ भी केस दर्ज होना चाहिए और क्या उनसे पूछताछ की जानी चाहिए.

घर पर ताला लगाकर भागे अतुल के ससुरालवाले

इधर बेंगलुरु पुलिस की टीम जौनपुर रवाना हुई. उधर, रात के अंधेरे में ही अतुल की पत्नी निकिता का पूरा परिवार घर के दरवाजे पर ताला लगाकर चुपचाप फरार हो गया. यहां तक कि अतुल की सास के भागने की तस्वीरें तो कैमरे में कैद हैं. बाद में अतुल की सास और साला एक होटल के सीसीटीवी कैमरे में भी कैद नजर आए. वैसे घर से भागने से पहले जैसे ही अतुल की मौत की खबर सोशल मीडिया के जरिए पूरे देश में वायरल हुई. मीडिया की टीमें अतुल के ससुराल का पक्ष जानने के लिए जौनपुर में उसके घर के बाहर जमा हो गई थीं. लेकिन परिवार बात करने की बजाय उल्टे मीडिया को ही धमकाने लगा था.

निकिता के परिवार पर कसा कानून का शिकंजा

उन लोगों ने बालकनी से उंगलियां दिखाई और नीचे खड़े मीडिया वालों को हड़काया. ऐसा करने वालों में एक अतुल की सास निशा सिंघानिया और साला अनुराग सिंघानिया था. दिन के उजाले में दोनों ने मीडिया को उंगलियां दिखाईं थीं और रात के अंधेरे में दरवाजे पर ताला जड़ कर रफूचक्कर हो गए. उन्हें पता था कि बेंगलुरु पुलिस कभी भी घर पर दस्तक दे सकती है. और घरवालों को गिरफ्तार कर अपने साथ ले जा सकती है. अब देखना ये है कि बेंगलुरु पुलिस के साथ अतुल के ससुराल वालों की लुका छुपी का खेल कितने दिन चलेगा.

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अलीगढ़ की मीट फैक्ट्री में अमोनिया गैस का रिसाव, 7 कर्मचारी हुए बेहोश https://upheadline.live/2024/12/16/ammonia-gas-leak-in-aligarh-meat-factory-7-workers-fainted/ https://upheadline.live/2024/12/16/ammonia-gas-leak-in-aligarh-meat-factory-7-workers-fainted/#respond Mon, 16 Dec 2024 10:38:47 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2116 अलीगढ़। दिल्ली-कानपुर बाईपास के अमरपुर कोंडला स्थित फेयर एक्सपोर्ट मीट फैक्ट्री में रविवार शाम को अमोनिया गैस के रिसाव होने से अफरातफरी मच गई। इसमें कई मजदूरों की हालत बिगड़ गई है।

सात मजदूरों को नजदीकी निजी स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया गया। यहां इनकी गंभीर हालात को देखते हुए खैर रोड स्थित जीवन ज्योति अस्पताल में रेफर कर दिया। पीड़ितों में छह महिलाएं भी शामिल हैं।

घटना की सूचना पर पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने मौका मुआयना किया। अस्पताल में पहुंचकर बेहोश लोगों का हाल जाना। अब हादसे का कारण जानने के लिए जांच शुरू हो गई है।

फ्रोजन प्वाइंट पर वाल्व लीक होने से हादसा

प्राथमिक जांच में सामने आया है कि फैक्ट्री के फ्रोजन प्वाइंट पर वाल्व लीक होने से यह हादसा हुआ है। करीब पांच मिनट तक गैस का रिसा चलता रहा। डीएम विशाख जी. ने पुलिस, प्रशासन, अग्निशमन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कारखाना विभाग के अधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं। फैक्ट्री का संचालन रोक दिया गया है। रात में ही फ्रोजन प्वाइंट को सील कर दिया गया है।

फेयर एक्सपोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में प्रतिदिन दो सौ पशुओं का कटान होता है। रविवार को भी सामान्य दिनों की तरह शाम पांच बजे तक इस फैक्ट्री में पशुओं का कटान हुआ था।

इसके बाद, शाम को पैकेजिंग एरिया में मीट की पैकिंग हो रही थी। इसमें करीब सौ से अधिक मजदूर काम कर रहे थे। इसमें 40 से अधिक महिलाएं शामिल थीं। शाम को सात बजे करीब अचानक से फ्रोजन प्वाइंट का वाल्व लीक होने से अमोनिया गैस का रिसाव शुरू हो गया। इससे पूरी फैक्ट्री में अफरा-तफरी मच गईं। इसमें कई लोगों की हालत बिगड़ गई।

जानकारी मिलने पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी

फैक्ट्री प्रबंधन ने सभी को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं दी। प्रशासनिक अधिकारियों को मामले की जानकारी हुई तो एडीएम सिटी अमित कुमार भट्ट समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए। अधिकारियों ने बेहोश हुए मजदूरों को सारसौल स्थित जीवन ज्योति अस्पताल रेफर कराया।

इनमें शाहजमाल की चांदनी व अलफिशा, रोरावर की रजनी, भुजपुरा की नाजिया, मकदूम नगर की जैनब, नींवरी की सोफिया व तालसपुर खुर्द के अरमान शामिल हैं। तीन हालत गंभीर बताई जा रही है।

अमोनिया गैस के रिसाव से कुल सात लोगों की हालात बिगड़ने की जानकारी सामने आई है। कई विभागों की टीमों को जांच के आदेश दिए हैं। विस्तृत रिपोर्ट आने तक फैक्ट्री के संचालन पर रोक लगा दी गई है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि फ्रोजन प्वाइंट में यह हादसा हुआ है, जिसे सील करा दिया है।

-विशाख जी., डीएम

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बिल्ली को बचाने के प्रयास में कार पेड़ से टकराई! हादसे में मां बेटे की हुई मौत, एक घायल https://upheadline.live/2024/12/16/while-trying-to-save-the-cat-the-car-collided-with-a-tree/ https://upheadline.live/2024/12/16/while-trying-to-save-the-cat-the-car-collided-with-a-tree/#respond Mon, 16 Dec 2024 10:14:58 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2113 हल्द्वानी: रुद्रपुर हल्द्वानी मार्ग पर सड़क हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. एक हफ्ते में तीन बड़े सड़क हादसे से कई सवाल उठ रहे हैं, हादसे में तीन लोगों की जान जा चुकी है, तो जबकि कई लोग घायल हो चुके हैं. वहीं बीती देर रात ट्रांसपोर्ट नगर पुलिस चौकी क्षेत्र के हल्द्वानी रुद्रपुर मार्ग बेलबाबा मंदिर के पास दर्दनाक सड़क हादसा हुआ. जिसमें मां और बेटे की मौत हो गई, जबकि चालक गंभीर घायल हो गया.

मुरादाबाद से हल्द्वानी आ रहे थे कार सवार: गौर हो कि रुद्रपुर हल्द्वानी मार्ग पर एक कार हादसे की शिकार हो गई. हादसे में मां और बेटे की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर घायल हो गया. हादसे का मुख्य कारण बिल्ली के बच्चे को बचाना रहा है. हल्द्वानी बनभूलपुरा लाइन नंबर 14 निवासी मोहम्मद आरिफ की पत्नी सवाना परवीन उम्र 45 वर्ष, बेटा अब्दुल योजान उम्र 15 वर्ष मुरादाबाद से हल्द्वानी आ रहे थे, तभी बेलबाबा मंदिर के समीप अचानक रोड से एक बिल्ली का बच्चा गुजरा, जिसे बचाने के चक्कर में ड्राइवर ने स्टेरिंग काट दिया.

हादसे में कार के उड़े परखच्चे: स्पीड ज्यादा होने की वजह से कार असंतुलित होकर एक पेड़ से जा टकराई. हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए. सड़क हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस तीनों को अस्पताल ले गई, जहां दो लोगों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है. दर्दनाक हादसे से हर कोई स्तब्ध है. इधर पुलिस ने जानकारी देते बताया कि हादसे में घायल ड्राइवर का उपचार चल रहा है.

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कॉमेडियन सुनील पाल अपहरण के मास्टरमाइंड का एनकाउंटर, कस्टडी से भागने का प्लान हुआ फेल https://upheadline.live/2024/12/16/comedian-sunil-pal-kidnapping-masterminds-plan-to-escape-from-custody-fails-in-encounter/ https://upheadline.live/2024/12/16/comedian-sunil-pal-kidnapping-masterminds-plan-to-escape-from-custody-fails-in-encounter/#respond Mon, 16 Dec 2024 02:54:34 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2104 कॉमेडियन सुनील पाल और एक्टर मुश्ताक खान के किडनैपर अर्जुन कर्णवाल का पुलिस ने एनकाउंटर किया है. यह बदमाश पुलिस की हिरासत से भागने की फिराक में था. इसने एक दरोगा की पिस्टल छीन ली और फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश की. गनीमत रही कि पुलिस टीम पहले से अलर्ट थी. ऐसे में तत्काल पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आरोपी को मौके पर ही धर दबोचा. वारदात के वक्त पुलिस इस बदमाश को कोर्ट में पेश करने से पहले मेडिकल चेकअप कराने के लिए ले जा रही थी.

मेरठ पुलिस के मुताबिक मामला लालकुर्ती थाना क्षेत्र का है. इस बदमाश को लालकुर्ती थाना पुलिस ने शनिवार को ही अरेस्ट किया था. रविवार को पुलिस उसे अदालत में पेश करने से पहले मेडिकल परीक्षण कराने के लिए अस्पताल ले जा रही थी. रास्ते में मौका देखते ही इस बदमाश ने दरोगा की पिस्टल छीन ली और गाड़ी से कूद गया. इसके बाद आरोपी ने पुलिस के ऊपर फायरिंग भी की. गनीमत रही कि पुलिस भी एक्शन में थी. पुलिस ने जवाबी फायरिंग करते हुए किडनैपर अर्जुन कर्णवाल के पैर में गोली मार दी.

शनिवार को ही हुई थी अरेस्टिंग

गोली लगते ही वह जमीन पर गिर गया. इसके बाद पुलिस उसे लेकर अस्पताल पहुंची है. पुलिस के मुताबिक इस बदमाश ने कॉमेडियन सुनील पाल, एक्टर मुश्ताक खान समेत कई अन्य सितारों का अपहरण कर फिरौती वसूली थी. इसी मामले में शिकायत मिलने पर पुलिस ने शनिवार की ही रात उसे अरेस्ट किया था. इसके बाद रविवार को पुलिस उसका मेडिकल कराने के लिए जा रही थीी, जहां इस बदमाश ने पुलिस की हिरासत से भागने के लिए पुलिस के ऊपर फायरिंग की.

लवी गैंग का मेंबर है यह बदमाश

पुलिस ने बताया कि बदमाश अर्जुन कुख्यात बदमाश लवी गैंग का मेंबर है. इन दोनों ने ही सुनील पाल को अगवा कर 8 लाख की फिरौती वसूली थी. इसके अलावा कई अन्य एक्टर व सितारों का अपहरण किया था. यहां तक कि ये बदमाश शक्ति कपूर को भी अगवा करने वाले थे. पुलिस के मुताबिक इन बदमाशों ने फिरौती की रकम से मेरठ के एक प्रतिष्ठित ज्वेलरी शोरूम से आभूषण खरीदे थे.

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बेटे को मार डाला, अब पोते को तो लौटा दो… अतुल सुभाष के पिता ने की निकिता से अपील https://upheadline.live/2024/12/16/you-killed-your-son-now-return-your-grandson-atul-subhashs-father-appeals-to-nikita/ https://upheadline.live/2024/12/16/you-killed-your-son-now-return-your-grandson-atul-subhashs-father-appeals-to-nikita/#respond Mon, 16 Dec 2024 02:46:02 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2101 बेंगलुरु पुलिस ने आत्महत्या करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष की पत्नी, उसकी सास और साले को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने रविवार को बताया कि अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया को हरियाणा के गुरुग्राम से तथा निकिता की मां निशा सिंघानिया और उसके भाई अनुराग सिंघानिया को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया.

पुलिस बताया कि आरोपियों को शनिवार सुबह गिरफ्तार कर बेंगलुरु लाया गया और स्थानीय अदालत में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इसी बीच मृतक अतुल सुभाष के पिता पवन कुमार मोदी ने अपने पोते को लेकर सवाल उठाया है.

‘मेरा पोता मेरे पास आए’

आरोपी निकिता सिंघानिया, निशा सिंघानिया और अनुराग सिंघानिया की गिरफ्तारी पर मृतक अतुल सुभाष के पिता पवन कुमार मोदी ने कहा, ‘हमें नहीं पता कि उसने हमारे पोते को कहां रखा है. क्या उसे मार दिया गया है या वह जिंदा है? हमें नहीं पता है, मैं उसके बारे में कुछ भी नहीं जानता हूं. मैं चाहता हूं कि मेरा पोता हमारे साथ रहे.”

उन्होंने आगे कहा, “मैं आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को धन्यवाद देता हूं. हमारे मामले में जज भी भ्रष्ट था. मुझे अभी तक न्याय नहीं मिला है. उन्होंने मेरे बेटे के खिलाफ हर बार नया मामला दर्ज करा दिया था.  हम पीएम मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, राजद नेता तेजस्वी यादव और अन्य नेताओं से अपील करते हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि मेरा पोता मेरे पास आए.एक दादा के लिए उनका पोता सबसे ज्यादा मायने रखता है .मेरा बेटा,पूरा समाज, लोग मेरे साथ में हैं.

‘नौ दिसंबर को घर में मिला था शव’

सुभाष (34) का शव नौ दिसंबर को दक्षिण-पूर्व बेंगलुरु के मुन्नेकोलालु में उसके घर पर फंदे से लटका मिला था. सुभाष ने वीडियो और नोट में आरोप लगाया था कि उससे अलग रह रही उसकी पत्नी और ससुराल वालों ने झूठे मामलों में फंसाकर और लगातार उत्पीड़न कर उसे आत्महत्या के लिए मजबूर किया. मराठाहल्ली पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया तथा निकिता और दो अन्य को गिरफ्तार किया है.

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वैष्णों देवी मंदिर के पास गई महिला, पता चलते ही झट से पहुंची पुलिस, नजारा देख अफसरों के उड़े होश https://upheadline.live/2024/12/16/the-woman-went-near-the-vaishno-devi-temple-as-soon-as-she-found-out-the-police-immediately-arrived-the-officers-were-shocked-to-see-the-scene/ https://upheadline.live/2024/12/16/the-woman-went-near-the-vaishno-devi-temple-as-soon-as-she-found-out-the-police-immediately-arrived-the-officers-were-shocked-to-see-the-scene/#respond Mon, 16 Dec 2024 02:33:01 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2098 उत्तर प्रदेश सोनभद्र से रिश्तों को तार-तार कर देने वाली खबर सामने आई है. यहां दो साल से गायब पति ने एक दिन अचानक अपनी पत्नी को फोन किया. पति की आवाज सुनकर पत्नी खुश हो गई. पति ने उसे मिलने के लिए बुलाया. जैसे ही पत्नी मिलने के लिए पहुंची तो उसके होश उड़ गए. वहां पति के साथ एक औरत थी. पत्नी ने उस औरत के बारे में पूछा. पति बोला- ये मेरी गर्लफ्रेंड है. फिर पति ने गर्लफ्रेंड संग मिलकर पत्नी को बेहरहमी से पीटना शुरू कर दिया.

उन्होंने लोहे की रॉड से महिला को इतना पीटा कि उसका पूरा चेहरा खून से लहूलुहान हो गया. कुल सात लोगों ने महिला की पिटाई की. पड़ोसियों ने महिला के कराहने की आवाज सुनी. वो तुरंत घर में पहुंचे. उन्होंने महिला को आरोपियों के चंगुल से छुड़वाया. फिर महिला सीधे थाने पहुंची. वहां उसने पति, उसकी गर्लफ्रेंड सहित 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाया. फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

पिटाई का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. बताया जा रहा है कि चोपन थाना क्षेत्र के डाला में पति ने आर्केस्ट्रा डांसर के चक्कर में पड़कर अपनी पत्नी को पहले मिलने के लिए बुलाया. उसके बाद पति और प्रेमिका डांसर के परिजनों ने मिलकर पत्नी की पिटाई कर डाली. पिटाई में महिला गंभीर रूप से घायल है. आरोप है कि प्रेमिका और उसके परिवार के सात आठ लोगों ने चाकू और लोहे की रॉड से उसकी पीटा है. पिटाई से मौके पर अफरा तफरी मच गई. स्थानीय लोगों ने किसी तरह बीच बचाव कर महिला को बचाया.

चेहरे पर चाकू से वार

पिपरी थाना क्षेत्र के रेणुकूट की रहने वाली महिला ने बताया. मेरा पति ऑर्केस्ट्रा चलाता है. इसकी मुझे जानकारी नहीं थी. वहां एक महिला डांसर से उसका अफेयर चल रहा है, इसकी भी कोई जानकारी नहीं थी. महिला बोला- दो साल पहले पति अचानक घर छोड़कर चला गया. फिर रविवार को अचानक उसने मुझे फोन करने डाला स्थित एक घर में मिलने बुलाया. मैं वहां पहुंची तो कुल 7 लोग कमरे में थे. तब पति और उसकी गर्लफ्रेंड समेत 7 लोगों ने मुझे मारना पीटना शुरू कर दिया. लोहे की रॉड से हमला किया. साथ ही चेहरे पर भी चाकू से वार किए.

पति लोन का पैसा चुकाए

महिला का आरोप है कि पति ने उसके नाम पर 6 लाख रुपये का लोन ले रखा है. मैं बस इतना चाहती हूं कि पति लोन के पैसे चुकाए. बाकी मुझे उससे कोई रिश्ता नहीं रखना. वो चाहे जहां मर्जी जिस मर्जी के साथ रहे. लेकिन उसने जो मेरे साथ मारपीट की है. उसके लिए भी उसे सजा जरूर मिले.

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अपहरण के 18वें दिन मिली लेखपाल की लाश के अवशेष; संदिग्ध से पूछताछ के बाद नाले से सिर और कपड़े बरामद https://upheadline.live/2024/12/16/remains-of-lekhpals-body-found-on-the-18th-day-of-kidnapping-after-interrogating-the-suspect-head-and-clothes-recovered-from-the-drain/ https://upheadline.live/2024/12/16/remains-of-lekhpals-body-found-on-the-18th-day-of-kidnapping-after-interrogating-the-suspect-head-and-clothes-recovered-from-the-drain/#respond Mon, 16 Dec 2024 02:11:31 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2092  बरेली। लेखपाल मनीष कश्यप का अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। रविवार दोपहर को उनका कंकाल और कपड़े नाले से बरामद किए गए। हत्या क्यों की गई, इसका जवाब तलाशने के लिए पुलिस एक आरोपित से पूछताछ कर रही है।

इससे इतर, मनीष के स्वजन का कहना था कि वह खल्लपुर गांव में 250 बीघा के जमीन घोटाले का राजफाश करने वाले थे। रिपोर्ट जमा करने वाले दिन उनका अपहरण कर लिया गया। इस पर जिला प्रशासन ने जांच कराई, जिसमें एडीएम दिनेश कुमार ने कहा था कि किसी घोटाले की पुष्टि नहीं हुई।

लापता हो गए थे मनीष कश्यप

मनीष कश्यप फरीदपुर तहसील में लेखपाल थे। 27 नवंबर की शाम को तहसील से बस्ता (प्रपत्रों का बैग) लेकर निकले मगर, घर नहीं पहुंचे। अगले दिन थाने पहुंचे स्वजन ने आरोप लगाया कि खल्लपुर गांव में कुछ लोग मनीष को धमका रहे थे। वह जमीन घोटाला खोलने वाले थे। एक सप्ताह पहले उन्होंने परिवार के सदस्यों को बताया कि घोटाला खोलने से कुछ अधिकारी नाराज हैं इसलिए ट्रांसफर करने की तैयारी में हैं। ऐसे कई गंभीर आरोप लगाकर स्वजन डीएम रविंद्र कुमार से मिले थे। जिसके बाद जांच बैठी मगर, खल्लपुर गांव में किसी सरकारी जमीन पर कब्जे या घोटाले की बात सिद्ध नहीं हुई।

अपहरण की दर्ज थी प्राथमिकी

इसके बाद मनीष की मां मोरकली की तहरीर के आधार पर अज्ञात पर अपहरण की प्राथमिकी हुई। उन्हें फरीदपुर थाना पुलिस पर साठगांठ का शक था इसलिए एसएसपी ने विवेचना फतेहगंज पश्चिमी इंस्पेक्टर को सौंप दी थी।

पुलिस के अनुसार, मनीष के मोबाइल फोन व कुछ अन्य सुराग के आधार पर शनिवार को शहर से सटे मिर्जापुर गांव के एक युवक को पकड़ा गया। उसने स्वीकारा कि 27 नवंबर को फरीदपुर से निकलते समय मनीष को अर्टिगा कार में खींच लिया था। अपहरण कर उन्हें बंधक बनाया। उनके स्वजन से फिरौती वसूलने की तैयारी थी मगर, फंसने की आशंका होने पर गला दबाकर हत्या कर दी। उसकी निशादेही पर मिर्जापुर गांव के नाले से कंकाल व मनीष के कपड़े बरामद कर लिए गए।

पुष्टि के लिए कराएंगे शव का डीएनए

एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि पकड़े गए युवक से पता चला कि शव मनीष का है। इसकी पुष्टि के लिए डीएनए जांच भी कराएंगे। घटना का कारण जानने के लिए उससे पूछताछ की जा रही है। उसके घर से लेखपाल का जला हुआ बस्ता व कुछ अधजले प्रपत्र भी बरामद किए गए हैं।

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