देश – UP Headline https://upheadline.live Tue, 17 Dec 2024 02:42:37 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8 RBI ने बंद किए 5 रुपए के सिक्के, जानें क्यों लिया गया ये बड़ा फैसला https://upheadline.live/2024/12/17/rbi-banned-5-rupee-coins-know-why-this-big-decision-was-taken/ https://upheadline.live/2024/12/17/rbi-banned-5-rupee-coins-know-why-this-big-decision-was-taken/#respond Tue, 17 Dec 2024 02:42:37 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2136 नई दिल्ली: नए साल से पहले RBI ने बड़ा फैसला लिया है. देश में चल रहे नए सिक्के और नोट छापने का अधिकार RBI के पास है. जब RBI केंद्र सरकार के सामने नोट और सिक्के छापने का प्रस्ताव रखता है तो यह प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होती है. इसके बाद केंद्र सरकार RBI के वरिष्ठ अधिकारियों और अर्थशास्त्रियों की मदद से फैसला लेती है और सिक्के और नोट छापने का अधिकार RBI को दे दिया जाता है. जब किसी नोट और सिक्के को बंद करना होता है तो भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जाती है.

देश में अब तक कई बार ऐसा देखने को मिला है, जब सिक्के और नोट बंद किए गए. 2016 में 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए गए थे. पिछले साल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2000 के नोट भी बंद कर दिए थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसी तरह 5 रुपये के सिक्के को लेकर भी बैंक ने बड़ा फैसला लिया है.

क्या बंद हो चुके 5 रुपये के सिक्के

भारत की करेंसी में नोटों के साथ-साथ सिक्कों का भी हमेशा से इस्तेमाल होता रहा है. 100, 200 और 500 के नोटों के साथ-साथ 5, 10 और 20 के सिक्के अभी भी प्रचलन में हैं. हालांकि पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि बाजार से पांच के सिक्के गायब हो रहे हैं. हम सभी ने पांच के सिक्के का इस्तेमाल किया है और देखा होगा कि यह दूसरे सिक्कों की तुलना में मोटा हुआ करता था. हालांकि, अब ये सिक्के धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं और इनकी जगह 5 रुपये के पतले सुनहरे सिक्के ने ले ली है.

अगर 5 रुपये का सिक्का 9 ग्राम से अधिक हो तो RBI उसको छापना कम या बंद कर देता है.

बाजार में अब वही पुराने सिक्के दिखाई दे रहे हैं जो घूमते रहते हैं. इसके अलावा हर जगह सुनहरे पतले सिक्के दिखाई दे रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों हुआ है और RBI ने पुराने सिक्कों को बंद क्यों कर दिया है? अगर नहीं, तो आइए आपको बताते हैं कि इसके पीछे क्या वजह है.

RBI ने पुराने सिक्कों को बंद क्यों कर दिया है?

मोटे पांच रुपये के सिक्कों को बंद करने के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि इनके निर्माण में इस्तेमाल होने वाली मेटल को पिघलाकर चार से पांच ब्लेड बनाए जा सकते हैं, जिनकी कीमत 5 रुपये से अधिक होती है. इस आर्थिक कारक के कारण सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने इन पांच रुपये के सिक्कों को बंद कर दिया.

एक नियम के अनुसार, अगर करेंसी की लागत उसके अंकित मूल्य से अधिक हो जाती है, तो उन सिक्कों या नोटों को प्रचलन से हटा दिया जाता है. उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति 5 रुपये के सिक्के को पिघलाकर 5 ब्लेड बनाता है, और बाद में उन्हें 2 रुपये प्रति ब्लेड (कुल 10 रुपये कमाता है) में बेचता है, तो सिक्के में धातु का आंतरिक मूल्य उसके मौद्रिक मूल्य से अधिक हो जाता है. यह इस कारण से है, अन्य कारणों के अलावा, कि RBI ने कुछ खास सिक्कों, जैसे कि मोटे पांच रुपये के सिक्के के उत्पादन को रोकने का फैसला किया.

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महाराष्ट्र में फडणवीस मंत्रिमंडल का विस्तार, एकनाथ शिंदे-अजित पवार की मौजूदगी में 39 मंत्रियों ने ली शपथ https://upheadline.live/2024/12/16/fadnavis-cabinet-expanded-in-maharashtra-39-ministers-took-oath-in-the-presence-of-eknath-shinde/ https://upheadline.live/2024/12/16/fadnavis-cabinet-expanded-in-maharashtra-39-ministers-took-oath-in-the-presence-of-eknath-shinde/#respond Mon, 16 Dec 2024 03:41:20 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2110 मुंबई: राज्य विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद महायुति सरकार के गठन के कुछ दिनों बाद महाराष्ट्र में पहला मंत्रिमंडल विस्तार हो गया. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में आज मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया. इस दौरान महायुति के 39 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. गठबंधन में शामिल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 19, अजित पवार की एनसीपी को 9 और एकनाथ शिंदे की शिवसेना के 11 विधायकों ने शपथ मंत्री पद की शपथ ली.

सबसे पहले महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने नागपुर स्थित राजभवन में राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. इसके बाद राधाकृष्ण विखे और एनसीपी विधायक हसन मुश्रीफ ने भी मंत्री पद की शपथ ली और भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने भी मंत्री पद की शपथ ली.

इनके अलावा फडणवीस मंत्रिमंडल में जिन लोगों को जगह मिली है, उनमें गिरीश महाजन, गुलाबराव पाटिल, गणेश नाइक, धनंजय मुंडे, मंगल प्रभात लोढ़ा, उदय सामंत, शिवसेना विधायक दादा भुसे और संजय राठौड़ के नाम भी शामिल हैं.

इतना ही नहीं जयकुमार रावल, पंकजा मुंडे, अतुल सावे, संभूराज देसाई, आशीष शेलार और अशोक उईके को फडणवीस के मंत्री मंडल में जगह मिली है.

नागपुर में शपथ समारोह

शपथ समारोह नागपुर में हुआ. 1991 के बाद यह दूसरी मौका है कि जब महाराष्ट्र के मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह नागपुर में आयोजित हुआ. महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन राजभवन में नए मंत्रियों को शपथ दिलाई. उस समय नागपुर स्थित राजभवन में 5 मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ली थी.

नितिन गडकरी ने किया फडणवीस का स्वागत

इससे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का स्वागत किया. राज्य मंत्रिमंडल विस्तार से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को नागपुर में बाबासाहेब आंबेडकर को पुष्पांजलि अर्पित की. उन्होंने 2024 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली महायुति की जीत के बाद पहली बार शहर में रोड शो किया.

जानिए किस पार्टी से कौन बना मंत्री

  • बीजेपी: गिरीश महाजन
  • बीजेपी: चंद्रकांत पाटिल
  • बीजेपी: मंगलप्रभात लोढ़ा
  • बीजेपी: राधाकृष्ण विखे पाटिल
  • बीजेपी: पंकजा मुंडे
  • बीजेपी: गणेश नाइक
  • बीजेपी: चन्द्रशेखर बावनकुले
  • बीजेपी: आशीष शेलार
  • बीजेपी: अतुल बचाओ
  • बीजेपी: संजय सावकरे
  • बीजेपी: अशोक उइके
  • बीजेपी: आकाश फुंडकर
  • बीजेपी: माधुरी मिसाल
  • बीजेपी: जयकुमार गोरे
  • बीजेपी: मेघना बोर्डिकर
  • बीजेपी: पंकज भोयर
  • बीजेपी: शिवेंद्र राजे भोसले
  • बीजेपी: नितेश राणे
  • बीजेपी: जयकुमार रावल
  • शिवसेना: दादा भूसे
  • शिवसेना: गुलाबराव पाटिल
  • शिवसेना: संजय राठौड़
  • शिवसेना: उदय सामत
  • शिवसेना: शंभुराज देसाई
  • शिवसेना: प्रताप सरनाईक
  • शिव सेना: योगश कदम
  • शिवसेना: आशीष जयसवाल
  • शिव सेना: भरत गोगावले
  • शिवसेना: प्रकाश अबितकर
  • शिवसेना: संजय शिरसाट
  • एनसीपी: हसन मुश्रीफ
  • एनसीपी: अदिति तटकरे
  • एनसीपी: धनंजय मुंडे
  • एनसीपी: दत्तात्रय भरणे
  • एनसीपी: बाबासाहेब पाटिल
  • एनसीपी: नरहरि जिरवाल
  • एनसीपी: मकरंद पाटिल
  • एनसीपी: इंद्रनील नाइक
  • एनसीपी: माणिकराव कोकाटे
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PMJJBY ने 21 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 2 लाख रुपये का जीवन बीमा कवरेज दिया: वित्त मंत्रालय https://upheadline.live/2024/12/16/pmjjby-provides-life-insurance-coverage-of-rs-2-lakh-to-more-than-21-crore-beneficiaries-finance-ministry/ https://upheadline.live/2024/12/16/pmjjby-provides-life-insurance-coverage-of-rs-2-lakh-to-more-than-21-crore-beneficiaries-finance-ministry/#respond Mon, 16 Dec 2024 03:26:31 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2107 प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), और प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) ने आम नागरिकों के लिए वित्तीय सुरक्षा और समावेशन की दिशा में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं. वित्त मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इन योजनाओं ने करोड़ों लोगों को फायदा पहुंचाया है, जिससे उनके जीवन में स्थिरता और सुरक्षा आई है.

पीएमजेजेबीवाई की खासियत

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत अब तक 21.67 करोड़ लोगों ने नामांकन किया है. इस योजना ने 2 लाख रुपए के जीवन बीमा कवरेज के माध्यम से 21 करोड़ से अधिक परिवारों को राहत प्रदान की है. 20 अक्टूबर 2024 तक, इस योजना के तहत कुल 8,60,575 दावे प्राप्त हुए, जिनकी कीमत 17,211.50 करोड़ रुपए थी. इस योजना का उद्देश्य लोगों को अनिश्चितता के समय वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है.

पीएमएसबीवाई का प्रभाव

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत दुर्घटना बीमा कवरेज में 47.59 करोड़ लोगों ने नामांकन किया है. अब तक 1,93,964 दावे दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 1,47,641 दावे वितरित किए जा चुके हैं. यह योजना मात्र ₹12 के वार्षिक प्रीमियम पर 2 लाख रुपए का बीमा कवरेज प्रदान करती है, जिससे निम्न और मध्यम वर्गीय परिवारों को बड़ा लाभ मिल रहा है.

पीएमजेडीवाई से लोगों को हुआ फायदा

प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत 53.13 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं. इनमें से 55.6% खाताधारक महिलाएं हैं, और 66.6% खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं. इस योजना ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है. जन-धन खातों में कुल जमा राशि 2,31,236 करोड़ रुपए है. 15 अगस्त 2024 तक खातों में 3.6 गुना और जमा राशि में 15 गुना वृद्धि दर्ज की गई है.

इन योजनाओं के सफल कार्यान्वयन ने देश में वित्तीय समावेशन और सुरक्षा को मजबूत किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इन योजनाओं का उद्देश्य गरीब और वंचित वर्ग को आर्थिक मजबूती प्रदान करना है. वित्त मंत्रालय के अनुसार, ये योजनाएं समाज के हर वर्ग तक पहुंच रही हैं और वित्तीय जागरूकता बढ़ाने में सहायक साबित हो रही हैं.

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मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का निधन, अमेरिका में ली अंतिम सांस https://upheadline.live/2024/12/16/famous-tabla-player-zakir-hussain-passed-away-breathed-his-last-in-america/ https://upheadline.live/2024/12/16/famous-tabla-player-zakir-hussain-passed-away-breathed-his-last-in-america/#respond Mon, 16 Dec 2024 02:21:59 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2095 तबला वादक जाकिर हुसैन का सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में निधन हो गया, उनके परिवार ने सोमवार को यह जानकारी दी. हुसैन का निधन उनके परिवार के अनुसार, इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से उत्पन्न जटिलताओं के कारण हुआ. वह 73 वर्ष के थे. पिछले दो सप्ताह से वह अस्पताल में भर्ती थे और बाद में उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था.

हुसैन के निधन पर आधिकारिक बयान में उनके परिवार ने कहा, ‘एक शिक्षक, मार्गदर्शक और शिक्षक के रूप में उनके शानदार कार्य ने अनगिनत संगीतकारों पर एक अमिट छाप छोड़ी है. उन्हें उम्मीद थी कि वे अगली पीढ़ी को और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे. वे एक सांस्कृतिक राजदूत और अब तक के सबसे महान संगीतकारों में से एक के रूप में एक अद्वितीय विरासत छोड़ गए हैं.’

बीती रात उनके निधन को लेकर खबरें सामने आई थीं, जिसके बाद उनकी बहन खुर्शीद ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए खबरों का खंडन किया था. उन्होंने कहा था कि हुसैन की हालत “बहुत गंभीर” है, लेकिन “इस समय उनकी सांसें चल रही हैं.

जाकिर हुसैन को मिले चार ग्रैमी पुरस्कार

महान तबला वादक अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जिसे दुनिया भर के अनगिनत संगीत प्रेमी संजोकर रखे हुए. उनके संगीत का प्रभाव आने वाली पीढ़ियों पर भी दिखाई देगा. रविवार को हुसैन के दोस्त और बांसुरी वादक राकेश चौरसिया ने कहा था कि तबला वादक को हृदय संबंधी समस्याओं के चलते सैन फ्रांसिस्को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था.

हुसैन ने अपने करियर में चार ग्रैमी पुरस्कार जीते हैं, जिनमें से तीन इस साल की शुरुआत में 66वें ग्रैमी पुरस्कार में मिले थे. अपने छह दशकों के करियर में संगीतकार ने कई प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय और भारतीय कलाकारों के साथ काम किया. वह 1973 में अपने म्यूजिकल प्रोजेक्ट में अंग्रेजी गिटारवादक जॉन मैकलॉघलिन, वायलिन वादक एल शंकर और तालवादक टीएच ‘विक्कू’ विनायकराम को इंडियन क्लासिकल और जैज के एलीमेंट के फ्यूजन को एक साथ लाए, जिससे दुनिया बिल्कुल अंजान थी.

जाकिर हुसैन का जन्म 1951 में हुआ

जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च, 1951 को मुंबई के माहिम में प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्लारखा के घर हुआ था. हुसैन का झुकाव बहुत कम उम्र में ही तबला बजाने की ओर हो गया था. उन्होंने 3 साल की उम्र में अपने पिता से मृदंग (शास्त्रीय ताल वाद्य) बजाना भी सीखा और 12 साल की उम्र में ही संगीत समारोहों में प्रस्तुति देने लगे. एक प्रतिभाशाली बालक हुसैन ने रविशंकर, अली अकबर खान और शिवकुमार शर्मा सहित भारत के लगभग सभी दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया. भारत के सबसे प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतकारों में से एक तालवादक जाकिर हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है.

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अमित शाह आज रायपुर में देंगे पुलिस को ‘प्रेसिडेंट कलर’, बस्तर में शांति का संदेश https://upheadline.live/2024/12/15/amit-shah-will-give-message-of-peace-to-police-in-raipur-today-president-color-bastar/ https://upheadline.live/2024/12/15/amit-shah-will-give-message-of-peace-to-police-in-raipur-today-president-color-bastar/#respond Sun, 15 Dec 2024 02:39:52 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2079 रायपुर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिनों के छत्तीसगढ़ दौरे पर रायपुर पहुंचे हैं. अमित शाह ने शनिवार रात रायपुर में विश्राम किया. वहीं आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कई कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. अमित शाह के कार्यक्रम के लिए जारी हुए शेड्यूल के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री 15 दिसंबर को कुल तीन कार्यक्रम में शामिल होंगे.

अमित शाह का दौरा कार्यक्रम के बारे जानिए: अमित शाह 15 दिसंबर को छत्तीसगढ़ पुलिस को ‘प्रेसिडेंट कलर’ प्रदान करने के कार्यक्रम में शामिल होंगे. यह कार्यक्रम रायपुर पुलिस ग्राउंड में सुबह 10.30 बजे है. उसके बाद अमित शाह बस्तर ओलंपिक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने के लिए बस्तर रवाना हो जाएंगे. यहां जगदलपुर में अमित शाह बस्तर ओलंपिक के समापन समारोह में शामिल होंगे. यह कार्यक्रम दोपहर ढाई बजे रखा गया है. उसके बाद 15 दिसंबर को अमित शाह हथियार छोड़ मुख्यधारा में शामिल हुए नक्सलियों से मुलाकात करेंगे. यह कार्यक्रम जगदलपुर के सर्किट हाउस में शाम 4 बजकर 45 मिनट पर है.

16 दिसंबर को जगदलपुर में रहेंगे शाह: 16 दिसंबर को भी अमित शाह जगदलपुर में रहेंगे. वे जगदलपुर में 10:00 बजे से 12:00 बजे तक शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे. साथ ही जो लोग नक्सली हमले में शहीद हुए हैं उनके परिजनों से भी मुलाकात करेंगे. इसके बाद अमित शाह बस्तर में सुरक्षाबलों के कैंप का दौरा करेंगे. माना जा रहा है कि वह हिड़मा के गांव में स्थापित सुरक्षाबलों के कैंप में भी जाएंगे. उसके बाद रायपुर में वह समीक्षा बैठक करेंगे. समीक्षा बैठक के बाद अमित शाह दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे.

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स्विटजरलैंड से भारतीय कंपनियों को झटका, MFN को लिया वापस… नेस्‍ले विवाद के बाद एक्‍शन! https://upheadline.live/2024/12/15/shock-to-indian-companies-from-switzerland-mfn-withdraws-action-after-nestle-controversy/ https://upheadline.live/2024/12/15/shock-to-indian-companies-from-switzerland-mfn-withdraws-action-after-nestle-controversy/#respond Sun, 15 Dec 2024 02:19:59 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2073 नई दिल्ली: भारत के लिए सबसे पसंदीदा राष्ट्र (MFN) का दर्जा निलंबित करने के स्विटजरलैंड के हालिया फैसले से आईटी, फार्मा और वित्तीय सेवाओं में भारतीय निवेशकों पर असर पड़ सकता है. यह कदम ट्रेड फ्रेमवर्क को बाधित करता है जिसका भारत को पहले विश्व व्यापार संगठन (WTO) के MFN के तहत लाभ मिला था. भारतीय निवेशकों पर क्या पड़ेगा असर?

क्या है मामला?

स्विट्जरलैंड सरकार ने भारत और स्विटजरलैंड के बीच डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) में सबसे पसंदीदा राष्ट्र का दर्जा (MFN) सेक्शन निलंबित कर दिया है. इससे भारत में स्विस निवेश पर संभावित रूप से असर पड़ सकता है और यूरोपीय राष्ट्र में काम करने वाली भारतीय कंपनियों पर अधिक टैक्स लग सकता है. कंपनियों को अब लाभांश और अन्य इनकम पर 10 फीसदी कर देना होगा, जो पहले 5 फीसदी था. ये 1 जनवरी, 2025 से प्रभावी होगा.

स्विस सरकार ने यह कदम पिछले साल भारत के सर्वोच्च न्यायालय के उस फैसले के बाद उठाया गया है. इसमें कहा गया था कि अगर कोई देश OECD में शामिल होने से पहले भारत सरकार ने उस देश के साथ टैक्स ट्रीटी पर साइन किए हैं, तो MFN सेक्शन ऑटोमेटिक लागू नहीं होता है.

  • भारत-स्विट्जरलैंड डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट पर 2 नवंबर, 1994 को हस्ताक्षर किए गए थे और बाद में 2000 और 2010 में इसमें संशोधन किया गया था.

MFN दर्जा क्या है?

WTO नियमों के तहत MFN दर्जा वैश्विक व्यापार की आधारशिला है. यह अनिवार्य करता है कि देश सभी व्यापारिक साझेदारों के साथ समान व्यवहार करें, यह सुनिश्चित करें कि सबसे पसंदीदा साझेदार पर समान व्यापार शुल्क, कोटा और विनियमन लागू हों.

स्विटजरलैंड द्वारा इस दर्जे को निलंबित करने का मतलब है कि भारतीय वस्तुओं और सेवाओं को अब उच्च शुल्क, अतिरिक्त व्यापार बाधाओं और स्विस बाजार तक कम पहुंच का सामना करना पड़ सकता है.

इसका निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि MFN क्लॉज का निलंबन स्विटजरलैंड में काम करने वाली भारतीय फर्मों के लिए एक झटका है. थिंक-टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार यह निलंबन स्विटजरलैंड में काम करने वाली भारतीय फर्मों, विशेष रूप से वित्तीय सेवाओं, फार्मास्यूटिकल्स और आईटी जैसे क्षेत्रों के लिए टैक्स चुनौती ला सकता है.

भारत-स्विट्जरलैंड व्यापार साझेदारी

वित्त वर्ष 2023-24 में, भारत और स्विट्जरलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 23.76 बिलियन डॉलर था. इसमें से अधिकांश हिस्सा स्विट्जरलैंड से लगभग 21.24 बिलियन डॉलर का आयात था.

  • स्विटजरलैंड सोने और चांदी का आयात करता है, जिसका यूज मुख्य रूप से आभूषण क्षेत्र, फार्मास्युटिकल इंटरमीडिएट और मशीनरी में किया जाता है.
  • प्रमुख निर्यात में फार्मास्युटिकल उत्पाद, रत्न और आभूषण, कार्बनिक रसायन और मशीनरी शामिल हैं.

इस साल मार्च में भारत ने चार यूरोपीय राष्ट्र ब्लॉक EFTA के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए. इसके सदस्य आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड हैं. ब्लॉक में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार स्विट्जरलैंड है, उसके बाद नॉर्वे है.

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भारत आएंगे श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके, 15 दिसंबर से शुरू होगी उनकी पहली विदेश यात्रा https://upheadline.live/2024/12/14/sri-lankan-president-dissanayake-will-come-to-india-his-first-foreign-trip-will-start-from-december-15/ https://upheadline.live/2024/12/14/sri-lankan-president-dissanayake-will-come-to-india-his-first-foreign-trip-will-start-from-december-15/#respond Sat, 14 Dec 2024 03:43:11 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2048 नई दिल्ली: भू-राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव के दौर में भारत-श्रीलंका संबंधों में कई उतार-चढ़ाव आए हैं. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके की 15-17 दिसंबर तक नई दिल्ली की राजकीय यात्रा की घोषणा की. श्रीलंका में हाल ही में संपन्न राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों के बाद राष्ट्रपति दिसानायके की यह पहली द्विपक्षीय भारत यात्रा होगी. इस यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलने की उम्मीद है.

यह ऐसे समय में हुआ है जब द्वीप राष्ट्र अभी भी 2022 में अपने सबसे खराब वित्तीय ऋण से उबर रहा है. श्रीलंका में चीन के बढ़ते प्रभाव और इस तथ्य को देखते हुए कि भारत यात्रा के बाद दिसानायका अगले महीने बीजिंग जाने के लिए तैयार हैं, यह यात्रा महत्वपूर्ण है. विशेषज्ञ दिसानायके की नई दिल्ली यात्रा के समय को महत्वपूर्ण मानते हैं.

पूर्व भारतीय राजनयिक और विदेश नीति टिप्पणीकार अशोक सज्जनहार ने ईटीवी भारत से कहा कि यह वास्तव में शुरुआती दिन हैं और श्रीलंका के विदेश संबंधों के विकसित होते करीब से देखना आवश्यक है. हालांकि, श्रीलंका के राष्ट्रपति द्वारा अपनी यात्रा के लिए भारत को पहला गंतव्य चुनने से जो महत्वपूर्ण संदेश दिया जा रहा है, उसे पहचानना महत्वपूर्ण है.

सज्जनहार ने कहा कहा,’उदाहरण के लिए जब नेता किसी खास गठबंधन के बारे में बात करना चाहते हैं, तो हम इसे नेपाल में देख सकते हैं. जहां के.पी. शर्मा – जो कई कार्यकालों तक सेवारत रहे हैं. पहले चीन का दौरा करते हैं. ये चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने की इच्छा का संकेत देता है. इसी तरह जब मुइजू ने पदभार संभाला तो उनकी शुरुआती प्राथमिकताओं में तुर्की, यूएई और चीन शामिल थे. अंत में भारत तक पहुंचे. ये स्पष्ट संकेत देते हैं. श्रीलंका के राष्ट्रपति का संदेश स्पष्ट है. वे भारत के साथ मजबूत और सकारात्मक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह साझेदारी एक आधारशिला है जिसे वे आगे बढ़ने के लिए बनाए रखना चाहते हैं.’

भारत-श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए इस यात्रा के महत्व के बारे में पूछे जाने पर सज्जनहार ने कहा, ‘भारत का श्रीलंका के साथ एक मुक्त व्यापार समझौता है. हम इसे व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते में अपग्रेड करने के तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं. यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत अब एक बड़ा बाजार और अर्थव्यवस्था है.

वर्तमान में श्रीलंका की निर्यात क्षमता सीमित है. यह मुख्य रूप से कपड़ा, चाय और पर्यटन पर निर्भर है. कोविड के दौरान और श्रीलंका में समन्वित ईस्टर बम हमलों से इन क्षेत्रों को काफी नुकसान हुआ है. भारत के साथ व्यापार और आर्थिक जुड़ाव का विस्तार करके और निवेश साझेदारी बनाकर, श्रीलंका अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकता है. यह अपने निर्यात में विविधता ला सकता है और केवल कुछ वस्तुओं पर निर्भरता कम कर सकता है.’

अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति दिसानायके राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आपसी हितों के द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे. वे भारत और श्रीलंका के बीच निवेश और वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली में एक व्यापारिक कार्यक्रम में भी भाग लेंगे. इसके अलावा वे यात्रा के हिस्से के रूप में बोधगया भी जाएंगे.

इस बीच नई दिल्ली में रहने वाले विदेश और सुरक्षा नीति विश्लेषक श्रीपति नारायणन ने कहा, ‘राष्ट्रपति की भारत यात्रा अपेक्षित थी, खासकर हाल ही में हुए चुनावों के कारण. राष्ट्रपति बनने के बाद उनका आगमन विलंबित हो गया, क्योंकि वे संसदीय चुनावों के होने का इंतजार कर रहे थे. अब जबकि चुनाव समाप्त हो चुके हैं, यह भारत के लिए सकारात्मक विकास है कि उन्होंने चीन जैसे अन्य देशों में जाने से पहले भारत का दौरा करने का फैसला किया. इससे पता चलता है कि भारत उनके लिए प्राथमिकता है. यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रपति ए.के.डी. जेवीपी से जुड़े हैं. इसका मतलब है जनता विमुक्ति पेरामुना है.

जेवीपी का इतिहास एक उग्रवादी समूह के रूप में रहा है जो भारत विरोधी रहा है. उनकी यात्रा का उद्देश्य यह दिखाना है कि वे लोगों के अपने राजनीतिक दल के प्रति दृष्टिकोण को बदल रहे हैं और लोग समय के साथ बदल सकते हैं. दिसानायके ने संसदीय चुनावों में निर्णायक जीत हासिल की, जिसमें रूढ़िवादी और गैर-रूढ़िवादी सिंहल, मुस्लिम और तमिल सहित कई अलग-अलग समूहों का समर्थन प्राप्त हुआ.

पारंपरिक पार्टियां जो इन समूहों का प्रतिनिधित्व करती थी, चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई. इसका मतलब है कि वे केवल एक समूह का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं, बल्कि देश भर के कई मतदाताओं की उम्मीदों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. यह जेवीपी के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि इसने अपने सामान्य आधार से परे अपने समर्थन का विस्तार किया है. राष्ट्रपति अब पूरे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं.

विश्लेषक ने कहा,’आर्थिक पक्ष पर वे इसलिए जीते क्योंकि कई राजनीतिक दलों ने समस्याओं का सामना किया है और लोगों का विश्वास खो दिया है. अर्थव्यवस्था संघर्ष कर रही है, और जनता को उम्मीद है कि यह नया नेता इसे सुधारने में मदद कर सकता है. श्रीलंका की विदेश नीति के बारे में इस यात्रा का मतलब भारत और चीन के साथ उसके संबंधों में कोई बड़ा बदलाव नहीं है. ऐतिहासिक रूप से 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में श्रीलंका भारत की ओर अधिक झुका था और उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता था. चीन के साथ उनके संबंध ज्यादातर वाणिज्यिक जरूरतों के बारे में थे.’

इस यात्रा के दौरान चर्चा का एक मुख्य विषय श्रीलंका का ऋण संकट और उसकी चल रही आर्थिक सुधार है. चीन श्रीलंका का सबसे बड़ा ऋणदाता है. इसके पास उसके द्विपक्षीय ऋण का आधे से अधिक हिस्सा है. दिसानायके अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान चीन के साथ चर्चा पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रहे हैं. वे आगे की बातचीत के लिए जनवरी में बीजिंग का दौरा करेंगे. श्रीलंका को भारत और चीन के साथ अपने संबंधों को संतुलित करने में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.

देश को इन रिश्तों को सावधानीपूर्वक प्रबंधित करने की आवश्यकता है क्योंकि वह दीर्घ अवधि के लिए वित्तीय सहायता और स्थिरता चाहता है. श्रीलंका वर्तमान में 46 बिलियन डॉलर के विदेशी ऋण की चुनौतियों का सामना कर रहा है. इसके परिणामस्वरूप भोजन, ईंधन और दवा की कमी हो गई है. यह स्थिति देश के लिए अपने विदेशी संबंधों को मजबूत करने का अवसर प्रस्तुत करती है विशेष रूप से भारत और चीन के साथ.

विदेश मंत्रालय के अनुसार श्रीलंका हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में भारत का सबसे करीबी समुद्री पड़ोसी है और प्रधानमंत्री के ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) दृष्टिकोण और भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. राष्ट्रपति दिसानायके की भारत यात्रा से दोनों देशों के बीच बहुआयामी और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को और मजबूत करने की उम्मीद है.

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Airtel के करोड़ों यूजर्स की मौज, कंपनी ने लॉन्च किया नया प्लान, फ्री में मिलेगा बहुत कुछ https://upheadline.live/2024/12/14/crores-of-airtel-users-enjoy-company-launches-new-plan/ https://upheadline.live/2024/12/14/crores-of-airtel-users-enjoy-company-launches-new-plan/#respond Sat, 14 Dec 2024 03:16:40 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2042 नई दिल्ली: एयरटेल ने अपने प्रीपेड ग्राहकों के लिए एक नया प्लान पेश किया है. इस प्लान की कीमत 398 रुपये रखी गई है. प्लान में ग्राहकों को हॉटस्टार मोबाइल का 28 दिन का सब्सक्रिप्शन मिलेगा. एयरटेल का यह नया प्रीपेड प्लान एयरटेल थैंक्स ऐप पर लाइव हो गया है. साथ ही इस प्लान को एयरटेल की वेबसाइट और दूसरे प्लेटफॉर्म पर लाइव देखा जा सकता है.

एयरटेल के 398 रुपये वाले प्लान के फायदे

एयरटेल के नए 398 रुपये वाले प्रीपेड प्लान में कई फायदे मिलते हैं. इसमें ग्राहकों को अनलिमिटेड लोकल, एसटीडी और रोमिंग कॉल, प्रतिदिन 2GB डेटा, अनलिमिटेड 5G डेटा और प्रतिदिन 100SMS दिए जा रहे हैं. इस प्लान की वैधता 28 दिनों की तय की गई है. इस प्रीपेड प्लान में ग्राहकों को डिजनी+ हॉटस्टार का 28 दिन का सब्सक्रिप्शन भी मिलेगा. इन सबके अलावा ग्राहकों को Wynk के जरिए फ्री हेलो ट्यून्स भी मिलेंगी.

आपको बता दें कि 100 SMS की डेली लिमिट के बाद ग्राहकों को लोकल SMS के लिए 1 रुपये और STD के लिए 1.5 रुपये चार्ज किए जाएंगे. वहीं, डेटा की डेली लिमिट खत्म होने के बाद स्पीड घटकर 64Kbps रह जाएगी.

Jio लेकर आया न्यू ईयर प्लान

आपको बता दें कि हाल ही में Jio ने अपना न्यू ईयर वेलकम प्लान भी पेश किया है. इस प्लान की कीमत 2025 रुपये रखी गई है और इसमें ग्राहकों को 200 दिनों की वैलिडिटी दी जा रही है. इस वैलिडिटी के दौरान ग्राहकों को रोजाना 2.5GB डेटा दिया जाएगा. साथ ही, योग्य ग्राहक अनलिमिटेड 5G का भी लुत्फ़ उठा पाएंगे. इस प्लान में ग्राहकों को रोजाना 100 SMS और अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग भी दी जा रही है. इस प्लान में डेटा की डेली लिमिट खत्म होने के बाद स्पीड घटकर 64 Kbps रह जाएगी.

इस प्लान में ग्राहकों को JioTV, JioCinema और JioCloud का एक्सेस भी मिलेगा. हालांकि, इसमें JioCinema प्रीमियम बेनिफिट्स शामिल नहीं किए जाएंगे. इन सभी फायदों के अलावा, Ajio से 2,999 रुपये की शॉपिंग पर आपको 500 रुपये की छूट मिलेगी. साथ ही, EaseMyTrip.com पर फ्लाइट पर 1,500 रुपये की छूट मिलेगी. इसी तरह, Swiggy पर भी 499 रुपये की न्यूनतम खरीदारी पर 150 रुपये की छूट मिलेगी.

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तमिलनाडु के प्राइवेट अस्पताल में बड़ा हादसा, आग लगने से 7 की मौत, कई घायल https://upheadline.live/2024/12/13/major-accident-in-private-hospital-of-tamil-nadu-7-dead/ https://upheadline.live/2024/12/13/major-accident-in-private-hospital-of-tamil-nadu-7-dead/#respond Fri, 13 Dec 2024 03:01:21 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2024 डिंडीगुल: तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में एक प्रसिद्ध निजी अस्पताल में आग लगने से सात लोगों की मौत हो गई है, जिसमें एक मासूम बच्चा भी शामिल है. बताया गया है कि डिंडीगुल-त्रिची रोड पर स्थित एक प्रसिद्ध निजी अस्पताल में गुरुवार रात आग लग गई. सूचना मिलने पर दमकल विभाग आग पर काबू पाने की कोशिश में जुटा हुआ है. साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों को निकाला जा रहा है.

अस्पताल में फ्रैक्चर का इलाज होता है. बताया गया है कि आग बुझाने के लिए चार से अधिक दमकल गाड़ियां लगाई गई हैं और मरीजों को दूसरे अस्पताल में ले जाने के लिए दस से अधिक एंबुलेंस का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा, दमकल विभाग, आम लोग, पुलिस और डॉक्टर लिफ्ट में फंसे लोगों को निकालने और उन्हें डिंडीगुल सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजने के काम में जुटे हुए हैं.

जिला कलेक्टर और स्थानीय विधायक भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. दुर्घटना के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है. पुलिस घटना की जांच कर रही है.

मृतकों में तीन महिलाएं

प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि आग दुर्घटना में एक बच्चे, तीन पुरुषों और तीन महिलाओं सहित सात लोगों की मौत हो गई है, और कई अन्य को गंभीर चोटों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

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ATM से कैसे निकलेगा EPFO का पैसा, यहां जानें कैसा और क्या होगा प्रोसेस https://upheadline.live/2024/12/13/how-to-withdraw-epfo-u200bu200bmoney-from-atm-know-here-how-and-what-will-be-the-process/ https://upheadline.live/2024/12/13/how-to-withdraw-epfo-u200bu200bmoney-from-atm-know-here-how-and-what-will-be-the-process/#respond Fri, 13 Dec 2024 02:40:21 +0000 https://indiavoicetimes.com/?p=2018 एम्पलॉय प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) के सदस्य अगले साल से ईपीएफओ में जमा अपनी गाढ़ी कमाई सीधे एटीएम (ATM) से निकाल सकेंगे. केंदीय श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा (Sumita Dawra ) ने ये ऐलान किया है. हालांकि इसे लेकर गाइडलाइंस का सामने आना अभी बाकी है.

EPFO के 7 करोड़ सब्सक्राइबर्स होंगे लाभान्वित

नई सुविधा के तहत ईपीएफओ सदस्य सीधे क्लेम की रकम एटीएम से निकाल सकेंगे. इसके लिए ईपीएफओ के आईटी सिस्टम को अपग्रेड किया जा रहा है. ईपीएफओ के 7 करोड़ के करीब सदस्य इसे फैसले से लाभान्वित होंगे.

तय की जा सकती निकासी लिमिट

ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organisation) के खाताधारक, लाभार्थी या जिनका बीमा है उन्हें एटीएम से प्रॉविडेंट फंड का पैसा निकालने की इजाजत मिल सकती है. लेकिन ये माना जा रहा कि सरकार निकाले जाने वाले रकम पर लिमिट लगा सकती है. ईपीएफओ सदस्य फंड में जमा कुल रकम में से 50 फीसदी से ज्यादा रकम नहीं निकाल सकेंगे.

कैसे ATM से निकलेगा PF का पैसा?

ईपीएफओ के नियम के तहत बैंक अकाउंट लिंक करना जरूरी है. ईपीएफ खाते के साथ सब्सक्राइबर्स का बैंक अकाउंट लिंक होता भी है. लेकिन ये स्पष्ट नहीं है कि प्रॉविडेंट फंड में जमा पैसे निकालने के लिए बैंक का एटीएम या डेबिट कार्ड इस्तेमाल होगा या कोई और कार्ड जारी किया जाएगा.

नॉमिनी को भी मिलेगी ATM से पैसे निकालने की सुविधा 

ईपीएफ सब्सक्राइबर्स के निधन होने पर लाभार्थी को एटीएम से विथड्रॉल की सुविधा का इस्तेमाल करने की इजाजत दी जा सकती है. इसके लिए नॉमिनी को उस सब्सक्राइबर्स के ईपीएफ अकाउंट के साथ अपना बैंक अकाउंट लिंक करना होगा जिनका निधन हो चुका है. हालांकि इसे लेकर भी स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा. एम्पलॉय डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (EDLI) स्कीम ईपीएफओ सदस्य के निधन होने पर 7 लाख रुपये तक का इंश्योरेस बेनेफिट देती है. श्रम मंत्रालय के सचिव ने बताया कि इंश्योरेंस क्लेम भी एटीएम से निकालना संभव हो सकेगा. इसका मतलब ये हुआ कि नॉमिनी या वारिस भी एटीएम से पैसे निकाल सकेंगे. हालांकि इसके लिए नॉमिनी को सब्सक्राइबर्स के ईपीएफ खाते के साथ अकाउंट लिंक करना होगा.

EPFO 3.0 होगा नए साल में लागू

नवंबर महीने के आखिरी हफ्ते में ये खबर सामने आई थी कि सरकार ईपीएफ सब्सक्राइबर्स को प्रॉविडेंट फंड में जमा गाढ़ी कमाई को एटीएम से निकालने की सुविधा देने की तैयारी में है. इसमें सब्सक्राइबर्स को प्रॉविडेंट फंड में जमा रकम में से 50 फीसदी निकालने का विकल्प दिया जा सकता है. ईपीएफओ के इस नई पॉलिसी की घोषणा सरकार नए साल 2025 में कर सकती है और मई-जून 2025 में EPFO 3.0 को लागू किया जा सकता है.

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